ज्ञानपीठ पुरस्कार-2015

Jnanpith Award-2015

प्रश्न-अभी हाल में किसे वर्ष 2015 के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गयी?
(a) रामदरश मिश्र
(b) भालचंद्र नेमाडे
(c) रसिक शाह
(d) रघुवीर चौधरी
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • 29 दिसंबर, 2015 को 51वां ज्ञानपीठ पुरस्कार गुजराती साहित्य के प्रख्यात लेखक रघुवीर चौधरी को प्रदान किए जाने की घोषणा की गयी।
  • हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध विद्वान समीक्षक प्रो. नामवर सिंह की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने इन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया।
  • रघुवीर चौधरी गुजरात के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनका जन्म वर्ष 1938 में गांधीनगर के पास बापूपुरा नामक स्थान पर हुआ था।
  • इन्होंने गुजराती में उपन्यास, कविता एवं आलोचना आदि साहित्यिक विधाओं में साहित्यकार के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त की है। ये एक गांधीवादी व्यक्ति हैं।
  • ये गुजराती के अतिरिक्त हिन्दी में भी लेखन कार्य करते हैं। अनेक समाचार पत्रों में इन्होंने स्तंभ लेखन का भी कार्य किया है।
  • इन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय में हिन्दी का अध्यापन किया। वहां से ये वर्ष 1998 में विभागाध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त हुए।
  • अब तक इन्होंने 80 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं जिनमें अमृता, सहवास, अंतर्वास, पूर्वरंग, वेणु वत्सला, आदि उपन्यास तथा तमसा,  वहेताम्  वृक्ष पवनमां आदि कविता संग्रह प्रमुख हैं।
  • वर्ष 1990 में हिन्दी साहित्य में योगदान के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा इन्हें सौहार्द सम्मान से सम्मानित किया गया था।
  • वर्ष 1977 में इनकी कृति ‘उपरवास कथात्रयी’ के लिए इन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • ज्ञातव्य है कि वर्ष 2014 का 50वां ज्ञानपीठ पुरस्कार मराठी साहित्य के साहित्यकार भालचंद्र नेमाडे को प्रदान किया गया था।
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 1961 में स्थापित भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा संविधान की आठवीं अनुसूची में वर्णित 22 भारतीय भाषाओं में लेखन करने वाले साहित्यकार को उनके जीवनभर के साहित्यिक योगदान के फलस्वरूप साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
  • इस पुरस्कार के अंतर्गत पुरस्कार स्वरूप ग्यारह लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्ति-पत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा प्रदान की जाती है।
  • प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार मलयालम साहित्य के प्रसिद्ध साहित्यकार जी.शंकर कुरूप को वर्ष 1965 में प्रदान किया गया था।
  • इनसे पहले गुजराती साहित्य में योगदान के लिये वर्ष 1967 में उमाशंकर जोशी, वर्ष 1985 में पन्नालाल पटेल तथा वर्ष 2001 में राजेंद्र शाह को ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://jnanpith.net/sites/default/files//tmp/51stJnanpithAwardDeclared.pdf
http://www.jnanpith.net/awards/jnanpith-award
https://en.wikipedia.org/wiki/Raghuveer_Chaudhari
http://www.gujaratisahityaparishad.com/prakashan/photo-gallery/sahitya-sarjako/Raghuvir-Chaudhary.html