छत्तीसगढ़ राज्य औषधीय पादप बोर्ड और डाबर इंडिया लिमिटेड में समझौता

प्रश्न-हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य औषधीय पादप बोर्ड और डाबर इंडिया लिमिटेड के मध्य समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ। इस समझौता ज्ञापन से संबंधित विकल्प में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) यह समझौता ज्ञापन 18 मई, 2018 को हस्ताक्षरित हुआ।
(b) समझौता ज्ञापन के अनुसार कंपनी को राज्य के वनों से औषधीय पौधों की उपज कच्चे माल के रूप में वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।
(c) कंपनी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में औषधीय पौधों की नर्सरी भी तैयार कराएगी।
(d) इस समझौता ज्ञापन पर डाबर इंडिया लिमिटेड के अनुसंधान एवं विकास विभाग के प्रमुख डॉ.जे.एल.एन. शास्त्री ने हस्ताक्षर किए।
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 21 मई, 2018 को छत्तीसगढ़ राज्य औषधीय पादप बोर्ड और आयुर्वेदिक दवा निर्माता कंपनी डाबर इंडिया लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
  • समझौता ज्ञापन के अनुसार कंपनी को राज्य के वनों से औषधीय पौधों की उपज कच्चे माल के रूप में वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।
  • इससे संयुक्त वन प्रबंधन योजना के तहत 800 समितियों के चार हजार सदस्यों को अतिरिक्त आमदनी का लाभ मिलेगा।
  • इस कंपनी द्वारा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में औषधीय पौधों की नर्सरी भी तैयार की जाएगी।
  • इस समझौते से राज्य में हर्बल सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीणों को रोजगार और अतिरिक्त आमदनी के नए अवसर प्राप्त होंगे।
  • इस समझौता ज्ञापन पर छत्तीसगढ़ राज्य औषधीय पादप बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और प्रधान मुख्य वन संरक्षक ए.के. द्विवेदी तथा डॉबर कंपनी के अनुसंधान एवं विकास विभाग के प्रमुख डॉ. जे.एल.एन. शास्त्री ने हस्ताक्षर किए।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://www.business-standard.com/article/companies/chhattisgarh-ties-up-with-dabur-to-provide-herbs-for-ayurvedic-products-118052401074_1.html
https://www.dabur.com/in/en-us/media/dabur-joins-hands-with-chhattisgarh-govt-to-promote-biodiversity