ग्रैच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2018

प्रश्न-ग्रैच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2018 के संबंध में विकल्प में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) 22 मार्च, 2018 को यह विधेयक राज्य सभा में पारित हुआ।
(b) 15 फरवरी, 2018 को यह विधेयक लोकसभा में पारित किया गया था।
(c) यह विधेयक ग्रैच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 में संशोधन करता है।
(d) ग्रैच्युटी भुगतान संशोधन विधेयक के महिला कर्मचारियों के संदर्भ में संशोधन प्रस्तावित है।
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य

  • 22 मार्च, 2018 को ग्रैच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2018 राज्यसभा में पारित किया गया।
  • लोकसभा में यह विधेयक 15 मार्च, 2018 को ही पारित किया जा चुका है।
  • इस विधेयक के पारित होने के साथ ही निजी क्षेत्रों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों/सरकार के अंतर्गत आने वाले स्वायत्त संगठनों के उन कर्मचारियों के बीच ग्रैच्युटी को लेकर समानता हो गई है जो सीसीएस (पेंशन) नियम के तहत नहीं आते हैं।
  • यह विधेयक ग्रैच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 में संशोधन करता है।
  • ग्रैच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 उन प्रतिष्ठानों में लागू होता है जिनमें 10 या उससे अधिक लोग काम करते हैं।
  • इस कानून को लागू करने का मुख्य उद्देश्य सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है चाहे उनकी सेवानिवृत्ति उम्र पूरी हो जाने की वजह से या शारीरिक अक्षमता या शरीर के अहम हिस्से को हुई हानि की वजह से हुई हो।
  • यह उद्योगों, फैक्ट्रियों और प्रतिष्ठानों में कार्यरत लोगों को उनकी मजदूरी दिलाने का एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा कानून है।
  • इस कानून के तहत वर्तमान में ग्रैच्युटी की अधिकतम राशि 10 लाख रुपए है।
  • केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 19 के तहत केंद्रीय कर्मचारियों के लिए भी ग्रैच्युटी के संबंध में यही प्रावधान है।
  • सातवां वेतन लागू होने के पूर्व ग्रैच्युटी की सीमा अधिकतम 10 लाख रुपए थी जिसे लागू होने के बाद बढ़ाकर अधिकतम 20 लाख रुपए कर दिया गया है।
  • ग्रैच्युटी भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2018 में महिला कर्मचारियों के संदर्भ में ग्रैच्युटी हेतु सतत सेवा की गणना से संबंधित प्रावधान में संशोधन प्रस्तावित है।
  • इसमें मातृत्व अवकाश के संदर्भ में 12 सप्ताह से लेकर केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित अवधि तक छुट्टी शामिल है।
  • इस अधिनियम के कानून बन जाने के बाद ग्रैच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के तहत ग्रैच्युटी राशि की सीमा अधिसूचित करने की शक्ति केंद्र सरकार के पास होगी।
  • जिससे वेतन में वृद्धि, मुद्रास्फीति और भविष्य में वेतन आयोगों को देखते हुए समय-समय पर ग्रैच्युटी की सीमा संशोधित किया जा सके।
  • ज्ञातव्य है कि मातृत्व लाभ (संशोधन) एक्ट, 2017 के अंतर्गत मातृत्व अवकाश की अवधि अधिकतम 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दी गई है।

संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/PrintHindiRelease.aspx?relid=71362
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=177845
http://www.financialexpress.com/money/7th-pay-commission-finally-good-news-double-tax-free-gratuity-to-rs-20-lakh-passed-in-parliament/1107450/