गंगा में सीवेज प्रदूषण को रोकने हेतु 1050 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी

Projects worth Rs 1050 Crore Awarded to arrest sewage pollution in Ganga from Patna

प्रश्न-हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा पटना में गंगा में सीवेज प्रदूषण को रोकने हेतु सक्षम सीवेज ट्रीटमेंट का ढांचा तैयार करने के लिए कितने करोड़ रुपये की परियोजनाओं की मंजूरी का निर्णय किया गया?
(a) 850 करोड़
(b) 950 करोड़
(c) 1050 करोड़
(d) 1150 करोड़
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 1 मार्च, 2017 को केंद्र सरकार ने पटना में गंगा में सीवेज प्रदूषण को रोकने हेतु सक्षम सीवेज ट्रीटमेंट ढांचा तैयार करने के लिए 1050 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की मंजूरी का बड़ा निर्णय लिया।
  • यह परियोजना नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत क्रियान्वित होगी।
  • इस राशि को दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) बनाने, मौजूदा एसटीपी के नवीनीकरण, दो पंपिंग स्टेशनों के निर्माण पर तथा लगभग 400 किमी. तक का नया भूमिगत सीवेज नेटवर्क बिछाने पर खर्च किया जाएगा।
  • परियोजना के तहत पटना शहर के सैदपुर क्षेत्र के जोन में एसटीपी के निर्माण और नए भूमिगत सीवेज नेटवर्क बिछाने का ठेका यूईएम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और ज्योति बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है।
  • यह दोनों कंपनियां इस जोन में कुल 600 करोड़ रुपये की राशि से 60 एमएलडी क्षमता के एसटीपी का निर्माण और नए भूमिगत सीवेज नेटवर्क (227 किमी.) बिछाने का कार्य करेंगी।
  • तीन अन्य फर्मों लार्सन एंड टर्बो लिमिटेड, वोल्टास लिमिटेड और जीएए जर्मनी जेवी को शहर के बेऊर क्षेत्र में अलग-अलग परियोजनाओं के लिए 450 करोड़ रुपये का आवंटन किया जायेगा।
  • यह कंपनियां इस राशि से इस क्षेत्र में एसटीपी का निर्माण (क्षमता 23 एमएलडी), मौजूदा एसटीपी (क्षमता 20 एमएलडी) के नवीनीकरण और नया भूमिगत सीवेज नेटवर्क (लगभग 180 किमी.) बिछाने का कार्य करेंगी।
  • इसके आलवा इसके दायरे में सैदपुर और बेऊर क्षेत्र में क्रमशः 83 एमएलडी और 50 एमएलडी क्षमता वाले मुख्य पंपिंग स्टेशनों का निर्माण भी शामिल है।
  • इसके ठेके में 10 वर्ष की अवधि हेतु एसटीपी और सीवेज नेटवर्क के संचालन और रख-रखाव की लागत भी शामिल है।
  • इन परियोजनाओं का उद्देश्य न केवल पटना की मौजूदा सीवेज व्यवस्था को सुधारना है अपितु अगले दशक तक शहरी बढ़ती आबादी की संभावनाओं के दृष्टिगत सीवेज ट्रीटमेंट का लक्ष्य भी शामिल है।
  • राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन निर्माण कार्य के प्रगति की निगरानी करेगा।
  • 100 वर्ग किमी. से अधिक के क्षेत्र में फैले पटना शहर को छह सीवरेज क्षेत्रों-दीघा, बेऊर, सैदपुर, कंकड़बाग, पहाड़ी और करमाली चक में बांटा गया है।
  • करमाली चक क्षेत्र में सीवेज संबंधित परियोजनाओं हेतु शीघ्र ही अनुबंध किए जाने की संभावना है।

संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=158751
http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=59777
http://www.indiaeyeihro.com/coverage–1050–418