खादी अगरबत्ती आत्मनिर्भर मिशन

प्रश्न-2 अगस्त, 2020 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक अद्वितीय रोजगार सृजन कार्यक्रम ‘खादी अगरबत्ती आत्मनिर्भर मिशन’ को मंजूरी प्रदान की। इस कार्यक्रम के संबंध में विकल्प में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) यह कार्य निजी सार्वजनिक मोड पर खादी और ग्रामोद्योग (केवीआईसी) द्वारा बनाया गया है।
(b) इस योजना के तहत केवीआईसी सफल अगरबत्ती निर्माताओं के माध्यम से कारीगरों को अगरबत्ती बनाने की स्वचालित मशीन और पाउडर मिक्सिंग उपलब्ध कराएगा।
(c) केवीआईसी मशीनों की लागत पर 35 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करेगी और कारीगरों से प्रत्येक महीने आसान किश्तों में शेष 65 प्रतिशत की वसूली करेगी।
(d) अगरबत्ती बनाने की 5 मशीनों के सेट पर 1 पाउडर मिक्सिंग मशीन प्रदान की जाएगी।
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 2 अगस्त, 2020 को केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री नितिन गडकरी ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा प्रस्तावित एक अद्वितीय रोजगार सृजन कार्यक्रम ‘खादी अगरबत्ती आत्मनिर्भर मिशन’ को मंजूरी प्रदान की।
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों में बेरोजगारों और प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार उत्पन्न करना और घरेलू अगरबत्ती उत्पादन में पर्याप्त तेजी लाकर अगरबत्ती उत्पादन क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाना है।
  • निजी सार्वजनिक मोड पर केवीआईसी द्वारा बनाई गई इस योजना के तहत, केवीआईसी सफल निजी अगरबत्ती निर्माताओं के माध्यम से कारीगरों को अगरबत्ती बनाने की स्वचालित मशीन और पाउडर मिक्ंिसग मशीन उपलब्ध कराएगा, जो व्यापार भागीदारों के रूप में समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।
  • केवीआईसी द्वारा केवल स्थानीय रूप से भारतीय निर्माताओं द्वारा निर्मित मशीनों की खरीद का निर्णय लिया गया है।
  • केवीआईसी मशीनों की लागत पर 25 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करेगी एवं कारीगरों से प्रत्येक महीने आसान किश्तों में शेष 75 प्रतिशत की वसूली करेगी।
  • केवीआईसी व्यापार भागीदार कारीगरों को कच्चा माल (अगरबत्ती बनाने के लिए) उपलब्ध कराएगा और उनकों काम के आधार पर मजदूरी का भुगतान करेगा।
  • कारीगरों के प्रशिक्षण की लागत केवीआईसी और निजी व्यापार भागीदार के बीच साझा की जाएगी, जिसमें केवीआईसी लागत का 75 प्रतिशत वहन करेगा, जबकि 25 प्रतिशत व्यापार भागीदार द्वारा भुगतान किया जाएगा। 
  • अगरबत्ती बनाने की 5 मशीनों के सेट पर एक पाउडर मिक्सिंग मशीन प्रदान की जाएगी।
  • यह योजना दो प्रमुख फैसलों-अगरबत्ती के कच्चे माल पर आयात प्रतिबंध और बांस के डंडों पर आयात शुल्क में बढ़ोत्तरी के दृष्टिगत बनाई गई है।
  • यह फैसला गडकरी की पहल पर वाणिज्य मंत्रालय और वित्त मंत्रालय द्वारा लिया गया है।
  • देश में वर्तमान में अगरबत्ती की खपत लगभग 1490 मीट्रिक टन प्रतिदिन है, जबकि भारत में अगरबत्ती का उत्पादन प्रतिदिन मात्र 760 मीट्रिक टन है।

लेखक-विजय प्रताप सिंह

संबंधित लिंक भी देखें…

https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1643012