कैंसर का पता लगाने में सहायक प्राकृतिक शरीर शोर

Emerging technology to use body’s noise to detect cancer early

प्रश्न-किस देश के वैज्ञानिकों ने हाल ही में इलेस्टोग्राफी तकनीक के द्वारा शरीर के प्राकृतिक शोर को माप कर कैंसर का प्रारंभिक चरण में ही पता लगाने की विधि की खोज की?
(a) अमेरिका
(b) जर्मनी
(c) फ्रांस
(d) जापान
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • जून, 2017 में फ्रांस के लियोन विश्वविद्यालय के स्टीफेन कैथलाइन तथा अन्य वैज्ञानिकों ने इलेस्टोग्राफी तकनीक से शरीर के प्राकृतिक शोर को माप कर कैंसर अथवा यकृत और थायराइड आदि रोगों का प्रारंभिक चरण में ही पता लगाने की विधि की खोज की है।
  • इलेस्टोग्राफी, जिसे कभी-कभी मानव शरीर का भूकंप विज्ञान भी कहा जाता है, एक उभरती हुई तकनीक है जो चिकित्सा अल्ट्रासाउंड इमेज को बढ़ाने में उपयोग की जाती है।
  • इसके माध्यम से जैविक ऊतकों की लोचशीलता को मापकर कैंसर यकृत और थायराइड आदि बीमारियों को अत्यधिक सटीकता के साथ इनके शुरूआती चरणों में ही पता लगाया जा सकता है।
  • पैसिव इलेस्टोग्राफी तकनीक में ऊतकों का लोच, शरीर के स्वयं के प्रसार द्वारा शियर वेव्स (Shear Waves) का उपयोग करके मापा जाता है जो शरीर के अंदर अधिक प्रभावी इमेजिंग को पारंपारिक इलेस्टोग्राफी की तुलना में और भी अधिक विवेकपूर्ण तरीके से सक्षम बनाता है।
  • पैसिव इलेस्टोग्राफी शरीर के गहन अंगों में जैसे कि प्रोस्टेट या यकृत, मस्तिष्क जैसे अच्छी तरह से सुरक्षित अंगों तथा आंख जैसे नाजुक अंगों आदि में कैंसर का पता लगाने की तकनीक के रूप में प्रयोग किया जाता है।
  • शियर वेव्स, जो किसी माध्यम से गुजरती है, तब उत्पन्न होती है जब कोई आब्जेक्ट भारी दबाव से विकृत हो जाता है जैसे भूकंप या विस्फोट के दौरान।
  • चिकित्सा विज्ञान में ऊतक की कठोरता को मापने के लिए कंपन उपकरणों द्वारा शियर वेब्स को उत्पन्न किया जाता है।
  • एक कैंसरग्रस्त ट्यूमर और अन्य ऊतक शिथिलता, स्वस्थ ऊतकों या सौम्य ट्यूमरों की तुलना में बहुत अधिक कठोरता प्रदर्शित करती है। कठोरता में यह अंतर पारंपरिक तरीकों या अन्य इमेजिंग विधियों के माध्यम से देखी या अनुभव नहीं की जा सकती है।
  • आमतौर पर एक चिकित्सा तकनीशियन परीक्षण जांच के दौरान जांच किए जाने वाले क्षेत्र पर एक बाइब्रेटिंग (कंपन) मैकेनिज्म को रखकर शियर वेव्स को उत्पन्न करने के लिए दबाव बनाता है जो कि परीक्षणगत ऊतकों के सम्पर्क में आती है।
  • शियर वेव्स को अल्ट्राफास्ट इमेजिंग रेट पर ट्रैक किया जाता है।
  • शियर वेव्स को शरीर के अंदरूनी अंगों में पैदा करना मुश्किल होता है जैसे कि रिब्केज (Ribcage) के पीछे शरीर में गहरे स्थित यकृत आदि में।
  • वैज्ञानिकों ने इसके समाधान हेतु नया दृष्टिकोण विकसित किया जिसमें जैविक रूप से उत्पन्न प्राकृतिक शियर वेब्स के शोर का विश्लेषण किया जाता है।
  • भूकंप की भांति, शियर वेव्स शरीर में मांसपेशियों की गतिविधियों के कारण प्राकृतिक रूप से उत्पन्न शियर वेव्स का उपयोग कर नर्म (Soft) ऊतकों के शियर लोच का नक्शा बनाने जैसा है।
  • इस प्रकार इसमें शियर वेव्स स्रोत का उपयोग नहीं किया जाता है इसलिए इसे पैसिव इलेक्ट्रोग्राफी कहते हैं।

संबंधित तथ्य
http://indianexpress.com/article/lifestyle/health/this-technique-uses-bodys-noise-to-detect-cancer-early-4722369/
https://phys.org/news/2017-06-body-noise-cancer.html
https://www.outlookindia.com/newsscroll/natural-body-noise-can-help-detect-cancer/1084634
https://www.sciencedaily.com/releases/2017/06/170626093629.htm