प्रश्न-हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संविधान (123वां संशोधन) विधेयक, 2017 और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (निरसन) विधेयक, 2017 को संसद में प्रस्तुत करने को मंजूरी दी। संविधान (123वां संशोधन) विधेयक, 2017 के जरिए संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग गठित किया जाएगा।
(a) अनुच्छेद 335 बी
(b) अनुच्छेद 338 बी
(c) अनुच्छेद 336 बी
(d) अनुच्छेद 337 बी
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
- 19 अप्रैल, 2017 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संविधान (123वां संशोधन) विधेयक, 2017 और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (निरसन) विधेयक, 2017 को संसद में प्रस्तुत करने के लिए मंजूरी दी।
- संविधान (123वां संशोधन) विधेयक, 2017 के जरिए संवैधानिक संशोधन के लिए निम्न प्रस्तावों को मंजूदी दी गई-
(i) सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 338 बी के तहत राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के नाम से एक आयोग गठित करने और
(ii) संशोधित परिभाषा के साथ अनुच्छेद 366 के तहत धारा 26 (सी) को शामिल करने के लिए। ‘सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग’ का तात्पर्य उन पिछड़े वर्गों से है जिन्हें इस उद्देश्य के लिए संविधान में अनुच्छेद 342 ए के तहत रखा गया है। - विधेयक का उद्देश्य
(i) राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 1993 को रद्द करने साथ-साथ राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (निरसन) विधेयक, 2017 में सेविंग क्लाज (व्यावृत्ति खंड) के लिए।
(ii) इस तिथि से राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को प्रभावी तौर पर भंग करने के लिए क्योंकि इसके बदले केंद्र सरकार इस अधिनियम की धारा 3 उपधारा 1 के तहत नया राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर सकती है। - इसके अलावा मंत्रिमंडल ने प्रस्तावित नए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के लिए पदों और कार्यालय परिसर (नई दिल्ली) को बरकरार रखने को भी मंजूरी दी।
- उपरोक्त निर्णय से सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के समग्र कल्याण को बढ़ावा मिलेगा।
- ज्ञातव्य है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 338 में ‘राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग’ तथा अनुच्छेद 338-A में ‘राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग’ का प्रावधान किया गया है।
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