प्रश्न-केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा तीसरे चक्र में कितने लाख आयकर दाताओं को प्रशंसा प्रमाण पत्र जारी किए गये हैं?
(a) लगभग 2.75 लाख
(b) लगभग 3.74 लाख
(c) लगभग 3.75 लाख
(d) लगभग 4.80 लाख
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
- आयकर रिटर्न दाखिल करने तथा राष्ट्र निर्माण की दिशा में निरंतर योगदान करने वाले व्यक्तिगत आयकर दाताओं को सरकार द्वारा ‘प्रशंसा प्रमाण पत्र’ जारी करने की पहल के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT द्वारा ‘प्रशंसा प्रमाण पत्र’ के तीसरे चक्र में लगभग 3.74 लाख आयकरदाताओं को प्रशंसा प्रमाण पत्र जारी किया गया।
- इस प्रकार तीसरे चक्र के बाद सीबीडीटी द्वारा जारी किये गये कुल प्रमाण पत्रों की संख्या अब लगभग 23 लाख हो गई।
- सीबीडीटी के अनुसार व्यक्तिगत आयकरदाताओं को यह ध्यान देना है कि यह प्रमाण पत्र विभिन्न श्रेणियों में ई-मेल द्वारा जारी किया जाता है। जिन्होंने मूल्यांकन वर्ष 2016-17 में निर्धारित तिथि तक पूर्ण रूप से कर का भुगतान कर दिया हो तथा करदाता के पास किसी भी प्रकार की देनदारी न हो। साथ ही कर भुगतान, डिजिटल हस्ताक्षर, या इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (EVC) अथवा सीपीसी बंगलुरु के ITR-V माध्यम से हस्ताक्षरित है।
- व्यक्तिगत कर दाताओं की विभिन्न श्रेणियां-
- कर के रूप में 1 करोड़ या उससे अधिक का योगदान करने वाले करदाता-प्लैटिनम (Platinum)
- कर के रूप में 50 लाख से 1 करोड़ के बीच में योगदान करने वाले करदाता-गोल्ड (Gold)
- कर के रूप में 10 लाख से 50 लाख के बीच में योगदान करने वाले करदाता-सिल्वर (Silver)
- कर के रूप में 1 लाख से 10 लाख के बीच में योगदान करने वाले करदाता-ब्रांज (Bronze)
- सीबीडीटी के अनुसार व्यक्तिगत आय करदाताओं को यह सुझाव दिया गया है कि वे-
- इलेक्ट्रॉनिक सूचना प्राप्त करने हेतु अपने मोबाइल नंबर तथा ई-मेल अकाउंट को ई-फाईलिंग की वेबसाइट पर अद्यतन रखें।
- आयकर दाता अपने प्रोफाइल में दो ई-मेल और दो मोबाइल नंबर प्रदान करें।
- CBDT द्वारा इस बात के लिए विशेष सलाह दी गई है कि करदाता अपना व्यक्तिगत तथा नियमित रूप से प्रयोग होने वाले ई-मेल तथा मोबाइल नंबर को प्राथमिकता के रूप में दें।
- सीबीडीटी आयकरदाताओं से यह आग्रह करता है कि निर्धारित समय में ई-फाइल रिटर्न करने की सूचना ऑनलाइन माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड (EVC) द्वारा प्रस्तुत करें या 120 दिन के अंदर आईटीआर-वी (ITR-V) से भेजें ताकि उनके योगदान को संज्ञान में लिया जा सके और वह स्वयं भी जान सकें।
संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=158223