उत्तर प्रदेश हैंडलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल एंड गारमेंटिंग पॉलिसी, 2017

Uttar Pradesh Handloom, Powerloom, Silk, Textile and Garming Policy, 2017

प्रश्न-उत्तर प्रदेश हैंडलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल एंड गारमेंटिंग पॉलिसी, 2017 के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने लगभग कितने रोजगार सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया है?
(a) 50 हजार
(b) 75 हजार
(c) 1 लाख
(d) 1.50 लाख
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 26 दिसंबर, 2017 को उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा उत्तर प्रदेश हैंडलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल एंड गारमेंटिंग पॉलिसी, 2017 को मंजूरी प्रदान की गई।
  • उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 में प्राविधानित ईज आफ डूइंग बिजनेस के सभी प्रावधान प्रस्तावित वस्त्र नीति में भी लागू होंगे।
  • इससे नीति के क्रियान्वयन हेतु प्रक्रियाओं का सरलीकरण होगा तथा सर्वोत्तम, समयबद्ध मापदंडों के अनुरूप स्वीकृतियां एवं सुविधाएं वस्त्र उद्यमियों को प्राप्त होगी, जिससे प्रदेश में वस्त्र उद्योग व्यापार में सुविधा होगी।
  • उत्तर प्रदेश हैंडलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल एवं गारमेंटिंग पॉलिसी, 2017 प्रदेश में 5 वर्षों में अधिकाधिक रोजगार सृजित करने के उद्देश्य से प्रस्तावित की गई है।
  • वर्तमान प्रस्तावित नीति में हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग तथा रेशम की सभी उपशाखाओं यथा-रेशम चाकी, कोया उत्पादन, किसी भी सामग्री की रीलिंग, स्पिनिंग, वीनिंग, निटिंग, डाइंग, प्रोसेसिंग, गारमेंट जूट एवं मेडअप्स उत्पाद एवं उसकी पैकिंग इकाइयों को प्रोत्साहन देना प्राविधानित है।
  • इसके अलावा तकनीकी कार्यों यथा-औद्योगिक टेक्सटाइल, फर्नीचर लाइनिंग, अग्निशमन उपकरण, बुलेट प्रूफ जैकेट, पैराशूट, लेदर गारमेंट, जूट तथा तकनीकी वस्त्रों को प्रोत्साहन प्रदान किए जाने का प्रावधान है।
  • नीति अंतर्गत प्रदेश के पूर्वांचल, बुंदेलखंड एवं मध्यांचल क्षेत्रों के लिए विशेष प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।
  • इस नीति में रीलिंग यूनिटों को बढ़ावा देने हेतु विशेष प्रबंध किए गए हैं।
  • लेदर गारमेंट के क्षेत्र में प्रदेश में कानपुर, उन्नाव तथा आगरा मुख्य क्षेत्र हैं जिसमें रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं हैं।
  • वस्त्रोद्योग की विभिन्न विशिष्ट आवश्यकताओं के दृष्टिगत विभिन्न वित्तीय सुविधाएं भी प्रस्तावित हैं जो निम्नलिखित हैं-
    1. सरकारी संस्थाओं द्वारा भूमि आवंटन पर सब्सिडी।
    2. निजी टेक्सटाइल औद्योगिक पार्कों को प्रोत्साहन।
    3. प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना।
    4. वस्त्र उद्योग इकाइयों हेतु भूमि क्रय पर स्टाम्प शुल्क में छूट।
    5. वस्त्र इकाई को जी.एस.टी. और मंडी शुल्क में छूट।
    6. विद्युत दर में वस्त्र इकाइयों को छूट।
    7. विभिन्न प्रकार की वस्त्र इकाइयों को ब्याज उपादान, गुणवत्ता विकास उपादान, पूंजीगत उपादान एवं कार्यशील पूंजी सब्सिडी का प्रावधान।
    8. ईपीएफ प्रतिपूर्ति एवं हथकरघा बुनकरों के उत्पाद के विपणन में सहायता।
    9. अनुसूचित जाति, महिला, दिव्यांग उद्यमियों को अतिरिक्त सुविधा क्षमता निर्माण एवं कौशल विकास।
    10. मेगा एवं सुपर मेगा वस्त्र उद्योग इकाइयों को विशेष सुविधा।
    11. निर्यात को बढ़ावा देने हेतु मालभाड़े की प्रतिपूर्ति तथा केंद्र सरकार की कुछ योजनाओं से डवटेलिंग करते हुए गैप फिलिंग किया जाना प्रस्तावित है।
  • इस नीति के तहत लगभग एक लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • इस नीति से प्रदेश में निवेश आकर्षित होगा जिससे निवेश में बढ़ोत्तरी होगी तथा टेक्सटाइल क्षेत्र के श्रमिकों की आय में वृद्धि होगी।

संबंधित लिंक
http://information.up.nic.in/View_Hindinews.aspx?id=868