आई.सी.ए.आर द्वारा पशुधन के नए प्रजातियों के पंजीकरण को मंजूरी

प्रश्न-भारतीय कृषिअनुसंधान परिषद में पशुधन के नए प्रजातियों का वर्ष 2018 में पंजीकरण किया गया। इस संबंध में निम्नलिखित सूचियों में कौन सुमेलित नहीं है?
(a) लुइत (भैंस) -तमिलनाडु
(b) काहमी (बकरी)-गुजरात
(c) पंचली (भेड़)-गुजरात
(d) घूररा (सूअर)-उत्तर प्रदेश
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • वर्ष 2018 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद(ICAR) ने पशुधन और कुक्कुट की रिकॉर्ड 15देशी प्रजातियोंको पंजीकृत किया है।
  • उपर्युक्त जानकारी 12 दिसंबर, 2018 को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह द्वारा नईदिल्ली के कृषि भवन में आयोजित ब्रीड रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्रों के वितरण समारोहमें दी गई।
  • 15 पंजीकृत नई प्रजातियों में गोवंश की दो प्रजातियोंलद्दाखी (लद्दाख, जम्मू-कश्मीर) एवं कोंकण कपिला (कोंकण क्षेत्र, महाराष्ट्र) हैं।
  • भैंस की तीन प्रजातियां लुइत (असम), बरगुर (तमिलनाडु) तथा छत्तीसगढ़ी(छत्तीसगढ़) भी पंजीकृत की गई हैं।
  • बकरी की छह प्रजातियां-काहमी (गुजरात), रोहेलखंडी (उत्तर प्रदेश), असमहिल (असम, बिदरी एवं नंदी दुर्ग (कर्नाटक) तथा भकरवाली (जम्मू-कश्मीर भी पंजीकृतकी गई है।
  • भेड़ की एक प्रजाति पंचली (गुजरात), सूअर की एक प्रजाति घूररा (उत्तरप्रदेश), गधा की एक प्रजाति हलारी (गुजरात) तथा कुक्कुट की एक प्रजाति ‘उत्तराकुक्कुट’ (उतराखंड) भी पंजीकृत प्रजातियों की सूची में शामिल है।
  • गौरतलब है कि भारत में विश्व भर के कुल गोवंश का लगभग 15% कुल भैंस का 57% बकरियों का 17% भेड़ का 7% एवं कुक्कुट का 4.5% है।
  • अतः देश में देशी प्रजातियों के सुधार एवंसंरक्षण हेतु विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जैसे-राष्ट्रीय गोकुलमिशन-राष्ट्रीय कामधेनु प्रजनन केंद्र एवं गोकुल ग्राम की स्थापना, भ्रूणस्थानांतरण और आइवीएफ प्रयोगशालाओं की स्थापना आदि।

लेखक-ललिन्द्र कुमार

http://pib.nic.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1555709