आईएनएस कदमत्त का जलावतरण

INS Kadmatt commissioned at Visakhapatnam

प्रश्न-आईएनएस कदमत्त का जलावतरण कब किया गया-
(a) 5 जनवरी, 2016
(b) 6 जनवरी, 2016
(c) 7 जनवरी, 2016
(d) 8 जनवरी, 2016
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 7 जनवरी, 2016 को विशाखापत्तनम के नौसेना गोदी पर आयोजित एक रंगारंग समारोह में नौसेना अध्यक्ष एडमिरल आर.के. धोवन ने आईएनएस कदमत्त का जलावरण किया।
  • यह युद्धपोत प्रोजेक्ट 28 (पी28) के अंतर्गत दूसरा पनडुब्बी रोधी युद्धपोत है।\
  • इस युद्ध पोत से भारतीय नौसेना की हिन्द महासागर क्षेत्र में तात्कालिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए क्षमता एवं पहुंच में वृद्धि होगी।
  • उल्लेखनीय है कि पोत उन चार एएसडब्ल्यू (Anti-Submarine Warfare) वाहकों में सम्मिलित है जिसे घरेलू स्तर पर निर्मित किया गया है।
  • इसके निर्माण में नौसेना डिजाइन निदेशालय और गार्डन रीच शिप बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड ने सहयोग किया है।
  • इसके पहले एक अन्य पनडुब्बी रोधी युद्धपोत वाहक जिसे 1968 में सोवियत संघ से प्राप्त किया गया था का भी नाम कदमत्त था।
  • इस पोत ने 24 वर्ष देश की सेवा की तथा 1971 के भारत-पाक युद्ध, श्रीलंका में आपरेशन पवन एवं आपरेशन ताशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • आईएनएस कदमत्त का नामकरण भारत के पश्चिमी छोर पर स्थित लक्ष्यद्वीप समूह के एक द्वीप कदमत्त के नाम पर किया गया है।
  • लक्ष्यद्वीप समूह का भारतीय नौसेना से विशेष संबंध है क्योंकि लक्ष्यद्वीप में ही आईएनएस द्वीपरक्षक का आधार शिविर स्थित है।
  • आईएनएस कदमत्त एटमॉसफेरिक कंट्रोल सिस्टम, इंटीग्रेटेड प्लेटफार्म मैनेजमेंट सिस्टम, इंटीग्रेटेड ब्रिज सिस्टम, बैटल डैमेज कंट्रोल सिस्टम और परसेनल लोकेटर सिस्टम से युक्त है।
  • उल्लेखनीय है कि इस पोत को ‘मेक इन इंडिया’ पहल के लक्ष्य के अंतर्गत निर्मित किया गया है।
  • इस पोत का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा देश में ही तैयार किया गया है और इसे परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध से निपटने के योग्य बनाया गया है।
  • पोत के हथियार और संवेदी उपकरण देश में ही तैयार किए गये हैं, जिसमें कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, राकेट लॉन्चर, तारपीडो ट्यूब लॉन्चर और इंफ्रा-रेड सिग्नेचर सप्रेशन सिस्टम सम्मिलित है।
  • इस पोत की विस्थापना क्षमता 3,300 टन, लंबाई-109 मीटर (358 Òीट), चौड़ाई-13.7 मीटर है, इसमें चार डीजल इंजन लगे हैं जो कि 25 नॉट (461 किमी/घं) की शक्ति उत्पन्न करते हैं जो इसे 3450 समुद्री मील दूर तक की दूरी के लिए सक्षम बनाते हैं।
  • इस युद्धपोत पर तैनात नौसैन्य दल का नेतृत्व महेश चन्द्र मुदगिल के हाथों में है तथा इसे पूर्वी नौसेना कमान के आधीन पूर्वी बेड़े का अंग बनाया गया है।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://indiannavy.nic.in/content/ins-kadmatt-commissioned-visakhapatnam
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=134269