समग्र जल प्रबंधन सूचकांक, 2016-17

composite water management index 2016-17

प्रश्न-हाल ही में नीति आयोग द्वारा विकसित समग्र जल प्रबंधन सूचकांक में किस राज्य को सबसे निचला स्थान प्राप्त हुआ?
(a)  बिहार
(b) राजस्थान
(c)  झारखंड
(d) ओडिशा
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 14 जून, 2018 को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और पोत परिवहन एवं जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने समग्र जल प्रबंधन सूचकांक (Composite Water Management Index), 2016-17 जारी किया।
  • इस सूचकांक को नीति आयोग द्वारा विकसित किया गया है।
  • इसमें भूजल, जल निकायों की पुनर्स्थापना, सिंचाई, खेती के तरीके, पेयजल, नीति और प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं के 28 विभिन्न संकेतकों के साथ 9 विस्तृत क्षेत्र शामिल हैं।
  • समीक्षा के उद्देश्य से राज्यों को दो विशेष समूहों-‘पूर्वोत्तर एवं हिमालयी राज्य’ और ‘अन्य राज्य’ में बांटा गया है।
  • यह सूचकांक जल संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन के आकलन और उनमें सुधार लाने का एक प्रमुख साधन है।
  • यह सूचकांक राज्यों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों को उपयोगी सूचना उपलब्ध कराएगा जिससे वे अच्छी रणनीति बना सकेंगे और जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन में उसे लागू कर सकेंगे।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार गैर-हिमालयी राज्यों में गुजरात को सूचकांक में शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ है।
  • इसके पश्चात मध्य प्रदेश को दूसरा, आंध्र प्रदेश को तीसरा, कर्नाटक को चौथा तथा महाराष्ट्र को पांचवां स्थान प्राप्त हुआ है।
  • गैर-हिमालयी राज्यों में झारखंड को इस सूचकांक में सबसे निचला स्थान प्राप्त हुआ है।
  • इसके पश्चात हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार का स्थान है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, जल प्रबंधन के मामले में झारखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब है।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वोतर और हिमालयी राज्यों में त्रिपुरा को सूचकांक में शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ।
  • इसके पश्चात क्रमशः हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और असम का स्थान है।
  • पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में मेघालय को सूचकांक में सबसे निचला स्थान प्राप्त हुआ है।
  • रिपोर्ट में यह भी उल्लेखित है कि देश में गंभीर जल संकट है और लाखों जीवन तथा आजीविका को खतरा है।
  • इसके अनुसार, लगभग 60 करोड़ (600 मिलियन) लोग जल समस्या से जूझ रहे हैं।
  • वहीं करीब 2 लाख लोगों की प्रति वर्ष साफ पानी की कमी से मौत हो जाती है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2030 तक देश में पानी की मांग आपूर्ति के दोगुनी हो जाने का अनुमान है।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=179962
http://pibphoto.nic.in/documents/rlink/2018/jun/p201861401.pdf