प्रश्न-केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वस्त्र एवं परिधान क्षेत्र में विशेष पैकेज को कब मंजूरी दी?
(a) 22 जून, 2016 (b)20 जून, 2016
(c) 18 जून, 2016 (d)24 जून, 2016
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- 22 जून, 2016 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वस्त्र एवं परिधान उद्योग के लिए विशेष पैकेज को मंजूरी दी।
- इस पैकेज में कुछ उपाय शामिल हैं जो श्रमिकों के अनुकूल हैं और रोजगार सृजन, बड़ी अर्थव्यवस्थाओं तथा निर्यात को बढ़ावा देंगे।
- इन उपायों से आगामी तीन वर्षों में निर्यात में 30 बिलियन अमरीकी डॉलर की संचयी वृद्धि होगी और 74,000 करोड़ रु. का निवेश होगा।
- अधिकांश नई नौकरियां महिलाओं को मिलने की संभावना है क्योंकि परिधान उद्योग लगभग 70% महिलाओं को रोजगार प्रदान करता है।
- घोषित किये गये पैकेज की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
कर्मचारी भविष्य निधि योजना में सुधार - भारत सरकार 15000 रु. प्रतिमाह से कम आय वाले परिधान उद्योग ने नये कर्मचारियों के प्रथम तीन वर्षों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि योजना के नियोक्ता अंशदान का समग्र 12% वहन करेगी।
- वर्तमान में प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई) के अंतर्गत सरकार द्वारा पहले ही नियोक्ता के अंशदान का 8.33% प्रदान किया जा रहा है।
- वस्त्र मंत्रालय आगामी तीन वर्षों में कर्मचारी के अंशदान का 3.67% अतिरिक्त प्रदान करेगी जो 1170 करोड़ की राशि होगी।
- ईपीएफ 15000 रु. प्रतिमाह से कम आय वाले कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक बनाया जायेगा।
- इससे कर्मचारियों के हाथ में और पैसे आयेंगे तथा औपचारिक क्षेत्र में रोजगार संवर्धन भी होगा।
ओवर टाइम सीमा में वृद्धि करना - आइएलओ (ILO) मापदंडों के अनुरूप कामगारों के लिए ओवर टाइम घंटे प्रति सप्ताह 8 घंटे से अधिक नहीं होगा।
- इससे कमगारों की आय में वृद्धि होगी।
निर्धारित अवधि रोजगार की शुरुआत - उद्योग की मौसमी प्रकृति को देखते हुए, परिधान क्षेत्र के लिए निर्धारित अवधि रोजगार की शुरुआत की जायेगी।
- कार्य के घंटों, मजदूरी, भत्ते और अन्य सांविधिक देयताओं के संबंध में एक निर्धारित अवधि कामगार को स्थायी कामगार के बराबर समझा जायेगा।
एटफ्स (ATUFS) के अंतर्गत अतिरिक्त प्रोत्साहन - यह पैकेज रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के रूप में संशोधित टफ्स के अंतर्गत परिधान क्षेत्र के लिए सब्सिडी को 15% से बढ़ाकर 25% करके इनपुट से आउटकम आधारित प्रोत्साहन तक लाकर नई संभावनाएं उपलब्ध करायेगा।
- इस योजना की मुख्य विशेषता संभावित नौकरियों का सृजन होने के पश्चात ही सब्सिडी प्रदान की जायेगी।
बढ़ी हुई शुल्क प्रतिदाम कवरेज - अभी तक रिफंड नहीं की गयी राज्य लेवियों का रिफंड करने के लिए लागू की गयी नई योजना अपनी तरह का एक पहला कदम होगी।
- इस कदम से राजकोष पर 5500 करोड़ रु. का भार आने की संभावना है।
- इनपुट पर अदा किये गये घरेलू शुल्क के लिए ऑल इंडस्ट्री रेट पर अग्रिम प्राधिकार योजना के अंतर्गत फैब्रिक का आयात करने पर भी ड्राबैक प्रदान किया जायेगा।
- आयकर अधिनियम की धारा 80 जेजेएए के दायरे को बढ़ाना।
- आयकर अधिनियम की धारा 80 जेजेएए के अंतर्गत परिधान उद्योग के लिए 240 दिन के प्रावधान में ढील देते हुए 150 दिन किया जायेगा।
- उल्लेखनीय है कि वस्त्र उद्योग भारत की प्राचीनतम उद्योगों में से एक है।
- वर्तमान में यह देश के कुल निर्यात में लगभग 11 प्रतिशत का योगदान करता है।
- 2014-15 में निर्यात से 41.4 बिलियन यूएस डॉलर मूल्य की आय इस क्षेत्र से अर्जित हुई।
- वस्त्र उद्योग भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 5% का योगदान करता है।
संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=146416
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=146422
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=146418
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=146421