वर्षांत समीक्षा-2014 सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय

प्रश्न-‘डॉ. अम्बेडकर सामाजिक न्याय अंतर्राष्ट्रीय केंद्र’ (Dr. Ambedkar International Centre for Social Justice) की स्थापना कहां करने की घोषणा की गई है।
(a) नई दिल्ली
(b) मुंबई
(c) हैदराबाद
(d) लखनऊ
उत्तर-(a)

संबंधित तथ्य

  • 25 दिसंबर, 2014 को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा वर्षांत समीक्षा-2014 जारी की गई।
  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के लक्ष्यित समूह हैं-(i) अनुसूचित जाति, (ii) अन्य पिछड़ा वर्ग, (iii) वरिष्ठ नागरिक तथा (iv) नशीले पदार्थों के शिकार व्यक्ति।
  • मंत्रालय का योजना परिव्यय (Plan Outday) वर्ष 2013-14 के 6065 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2014-15 में 6165 करोड़ रुपये हो गया है और इस प्रकार इसमें 1.65 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
  • इस मंत्रालय को जो योजना परिव्यय आवंटित किया गया, उसमें 11वीं योजना के 11655.20 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 12वीं योजना अवधि में 29400 करोड़ रुपये कर दिया गया।
  • अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति (अत्याचारों की रोकथाम) अधिनियम, 1989 में संशोधन करने हेतु अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति (अत्याचारों की रोकथाम) संशोधन विधेयक 2014 को संसद के मानसून सत्र के दौरान 16 जुलाई, 2014 को लोक सभा में पेश किया गया। जिसे लोकसभा अध्यक्ष के निर्देश पर संसद की स्थायी समिति को जांच एवं रिपोर्ट के लिये भेज दिया गया।
  • संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश संशोधन विधेयक 2014 केरल (ऐसी ही दो जातियों को शामिल करने के बारे में), मध्य प्रदेश (ऐसी ही एक जाति को शामिल किए जाने के बारे में), ओडिशा (ऐसी चार जातियों को शामिल किए जाने के बारे में), त्रिपुरा (ऐसी ही तीन जातियों को शामिल किए जाने के बारे में) और सिक्किम (ऐसी ही एक जाति को बाहर किए जाने के बारे में) था।
  • इस विधेयक को 11 अगस्त, 2014 को लोक सभा में पेश किया गया था। इस विधेयक को लोकसभा ने 27 नवंबर, 2014 को तथा राज्य सभा ने 8 दिसंबर, 2014 को पारित कर दिया है। इस विधेयक को अब राष्ट्रपति के पास उनकी सहमति के लिए भेजा गया है।
  • संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2014 के जरिए आठ ऐसी ही जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने का प्रस्ताव है। ये जातियां हरियाणा (एक), कर्नाटक (एक) ओडिशा (छह), दादरा एवं नगर हवेली (एक) तथा उत्तराखंड की जगह राज्य का नाम उत्तरांचल रखने संबंधी विधेयक राज्य सभा में 11 फरवरी, 2014 को पेश किया गया।
    स्वच्छता उद्यमी योजना (Swachhta Udyami Yojna)
  • 2 अक्टूबर, 2014 को प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किये गये ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के एक अंग के रूप में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने एनएसकेएफडीसी (NSKFDC) की नई स्कीम ‘स्वच्छता उद्यमी योजना’ की शुरुवात की।
  • इस योजना का उद्देश्य सामुदायिक शौचालय परियोजनाओं और सफाई से जुड़ी कचरा इकट्ठा करने वाली गाड़ियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
  • सरकार ने ‘डॉ. अम्बेडकर सामाजिक न्याय के लिए अंतर्राष्ट्रीय केंद्र’ (Dr. Ambedkar International Centre for Social Justice) की स्थापना की घोषणा की है।
  • सरकार ने अनुसूचित जातियों के लिए एक नया उद्यम पूंजी कोष (Venture Capital Fund) स्थापित करने का फैसला किया है।
  • अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के लिए इसके लिए 200 करोड़ का कोष स्थापित किया गया है।
  • 1 अक्टूबर, 2014 को मंत्रालय द्वारा ‘वृद्ध जनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस (IDOP: International Day for Older Persons) का आयोजन किया गया।
  • 26 जून, 2014 को मद्यपता (Alcholism) की रोकथाम तथा नशा मुक्ति के क्षेत्र में दूसरे राष्ट्रीय पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा वितरित किए गए।
  • उल्लेनीय है कि प्रतिवर्ष 26 जून को ‘अंतराष्ट्रीय मादक द्रव्य व्यसन व अवैध तस्करी रोधी दिवस’ (International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking) मनाया जाता है।
  • 15 अप्रैल, 2014 को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के मुद्दों पर राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NLSA) द्वारा दायर की गई याचिका संख्या 4000/2012 पर अपने निर्णय में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने ट्रांसजेंडर समुदाय के कल्याण के लिए विभिन्न कदम उठाने का केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया।
    नि:शक्त-जन अधिकारिता विभाग
  • इस विभाग को वर्ष 2014-15 के बजट में विकलांग व्यक्तियों के उपकरणों की खरीद के लिये योजना (ADIP) में 110 करोड़ की सहायता का आवंटन किया गया है।
  • नि:शक्त-जन अधिनियम 1995 के कार्यान्वयन की योजना के लिए वर्ष 2014-15 में 80 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है।
  • ‘नेशनल इंस्टीटयूट फॉर इनक्लूसिव एंड यूनिवर्सल डिजाइन (National Institute For Inclusive and Universal Design)’ की स्थापना का प्रस्ताव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा किया है।
  • इस कार्यक्रम के तहत नि:शक्त-जनों को महत्व देते हुए सभी के लिए आदर्श माहौल का ध्यान रखा जाएगा।
  • मंत्रालय ने नि:शक्त-जन विभाग के संरक्षण में ‘इंडियन साइन लैंग्वेज अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र’ (Indian Sign Language Research and Training Centre) की स्थापना का प्रस्ताव रखा है।
  • 12वीं पंचवर्षीय योजना में नि:शक्त-जन खेल केंद्रों की स्थापना के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
  • यूनेस्को ने नि:शक्त-जनों के सशक्तिकरण पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘‘नि:शक्त-जन, निषेध से सशक्तिकरणः सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका’ (From Exclusion to Empowerment The Role of Information and Communication Technologies (ICTs) for Persons with Disabilities) का आयोजन 24 से 26 नवंबर, 2014 तक नई दिल्ली में किया गया।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=114081
http://socialjustice.nic.in/pdf/ar14eng.pdf
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=114082

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