भारत व स्वीडन के मध्य समझौता

Cabinet approves MoU between India and Sweden on IPRs

प्रश्न-हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा भारत और स्वीडन के बीच किस क्षेत्र में सहयोग हेतु समझौता-ज्ञापन को मंजूरी प्रदान की गई?
(a) पर्यटन
(b) कृषि
(c) बौद्धिक संपदा अधिकार
(d) सूचना एवं प्रौद्योगिकी
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 16 अगस्त, 2017 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा भारत और स्वीडन के बीच बौद्धिक संपदा अधिकारों के क्षेत्र में सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन को मंजूरी प्रदान की गई।
  • इस समझौता ज्ञापन के तहत दोनों देश बौद्धिक संपदा अधिकारों के विषय में जागरूकता बढ़ाने हेतु उत्कृष्ट पद्धतियों और प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान करेंगे तथा साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए मिलकर काम करेंगे।
  • यह समझौता ज्ञापन भारत को बौद्धिक संपदा प्रणालियों में अनुभवों का आदान-प्रदान करने में सक्षम बनाएगा, जिससे दोनों पक्षों के उद्यमी, निवेशक और व्यवसायी पर्याप्त रूप से लाभान्वित होंगे।
  • इस समझौते से राष्ट्रीय संपदा अधिकार नीति के लक्ष्यों को बढ़ावा मिलेगा।
  • इस समझौता ज्ञापन के तहत एक संयुक्त समन्वय समिति गठित की जाएगी जो निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग गतिविधियों के विषय में निर्णय करेगी-
    (1) दोनों देशों के लोगों, व्यवसायों और शैक्षिक संस्थानों के मध्य बौद्धिक संपदा अधिकारों के विषय में उत्कृष्ट पद्धतियों, अनुभवों और जानकारी का आदान-प्रदान।
    (2) प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सहयोग, विशेषज्ञों का आदान-प्रदान, तकनीकी आदान-प्रदान और संपर्क गतिविधियां।
    (3) संयुक्त रूप से या किसी एक देश द्वारा आयोजित कार्यक्रमों एवं गतिविधियों के माध्यम से उद्योगों, विश्वविद्यालयों, अनुसंधान एवं विकास संगठनों और लघु और मध्यम उद्यमों के बीच बौद्धिक संपदा के संदर्भ में उत्कृष्ट पद्धतियों, अनुभवों एवं जानकारी का आदान-प्रदान।
    (4) पेटेंट, ट्रेडमार्क, औद्योगिक डिजाइनों, कॉपीराइट और भौगोलिक संकेतकों तथा साथ ही बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण, प्रवर्तन और उपयोग संबंधी आवेदनों के निपटान हेतु उत्कृष्ट पद्धतियों, अनुभवों और जानकारी का आदान-प्रदान।
    (5) बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में स्वचालन (Automation) और आधुनिकीरण परियोजनाओं के क्रियान्वयन, नव प्रलेखन और सूचना प्रणालियों और बौद्धिक संपदा के प्रबंधन की प्रक्रियाओं के विकास में सहयोग।
    (6) पारस्परिक ज्ञान को संरक्षित करने हेतु सहयोग और पारंपरिक ज्ञान संबंधी डेटाबेस मौजूदा बौद्धिक संपदा प्रणालियों के विषय में जागरूकता को बढ़ावा देने के साथ ही उत्कृष्ट पद्धतियों का आदान-प्रदान।
    (7) डिजिटल वातावरण, मुख्यतः कॉपीराइट मुद्दों के संदर्भ में बौद्धिक संपदा कानूनों के उल्लंघनों का आदान-प्रदान।
    (8) अन्य सहयोगात्मक गतिविधियां जो दोनों पक्षों द्वारा पास्परिक समझ से निर्धारित की जा सकती हैं।

संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/PrintHindiRelease.aspx?relid=66599
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=170025