नवीन सौर ऊर्जा नीति, 2017

Uttar Pradesh State Cabinet Approves Solar Policy 2017

प्रश्न-नवीन सौर ऊर्जा नीति-2017 के तहत राज्य सरकार द्वारा किस क्षेत्र में भूमि उपलब्धता की संभावना के दृष्टिगत सार्वजनिक क्षेत्र के मेगा सोलर पार्क की स्थापना की जाएगी?
(a) पूर्वांचल
(b) बुंदेलखंड
(c) अवध
(d) पश्चिमी उत्तर प्रदेश
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य

  • 5 दिसंबर, 2017 को उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल द्वारा नवीन सौर ऊर्जा नीति, 2017 को मंजूरी प्रदान की गई।
  • इस नीति का उद्देश्य राज्य में सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन के वृहद संभावनाओं के दोहन एवं ऊर्जा की मांग की पूर्ति एवं उपलब्धता के अंतर में कमी लाना है।
  • इस नीति की वैधता अवधि निर्गत होने की तिथि से 5 वर्ष होगी।
  • नीति संचालन अवधि में भारत सरकार के आकलन के अनुसार कुल 10700 मेगावाट ग्रिड संयोजित सौर पावर परियोजना की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।
  • कुल लक्षित क्षमता 10,700 मेगावाट की स्थापना से अनुमानतः 13669250 टन कार्बनडाई आक्साईड उत्सर्जन में प्रतिवर्ष की कमी आएगी जो प्रतिवर्ष 64200000 वृक्षों द्वारा शोषित की गई कार्बन डाइऑक्साइड के समतुल्य होगी।
  • सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने हेतु सोलर पैनल को सस्ती दरों पर उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा निजी आवासों पर ग्रिड संयोजित रूफटॉप सोलर पावर प्लांट संयंत्र की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु 15000 रु. प्रति किलोवाट अधिकतम 3000 रुपये अनुदान प्रति विद्युत उपभोक्ता को उपलब्ध कराए जाने का प्राविधान किया गया है।
  • यह अनुदान भारत सरकार द्वारा प्रदत्त अनुदान के अतिरिक्त होगा।
  • इस नीति से राज्य सरकार द्वारा अनुदान प्रथम 100 मेगावॉट क्षमता की स्थापना पर दिया जाएगा जिससे अनुमानतः 50000 विद्युत उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।
  • सोलर रूफटॉप की स्थापना को सरल करने के उद्देश्य से 10 किलोवाट क्षमता तक के रूफटॉप सोलर पावर प्लांट को विद्युत सुरक्षा निरीक्षण से मुक्त रखा गया है।
  • रूफटॉप सोलर पैनल के माड्यूल स्ट्रक्चर की ऊंचाई को भवन की कुल ऊंचाई जो कि बिल्ंिडग बायलाज के अंतर्गत अनुमन्य हो, के अतिरिक्त आगणित नहीं किया जाएगा।
  • पारस्परिक विद्युत की खपत में कमी एवं विद्युत बिल में कमी करने के उद्देश्य से सरकारी/अर्धसरकारी भवनों पर थर्ड पार्टी से ग्रिड संयोजित सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना कराई जाएगी।
  • प्रथम बार राज्य में सौर पावर परियोजना की स्थापना कर उक्त से उत्पादित विद्युत को शत-प्रतिशत कैप्टिव उपयोगार्थ/सामूहिक कैप्टिव उपयोगार्थ अथवा आंशिक उत्पादन को विद्युत वितरण कंपनी को अथवा तृतीय पक्ष को विद्युत विक्रय किए जाने की अनुमति प्रदान की गई है।
  • अंतरराज्यीय सौर पावर के विक्रय पर राज्यांतरिक ट्रांस मिशन तंत्र हेतु क्रास सब्सिडी सरचार्ज एवं व्हीलिंग चार्ज। ट्रांसमिशन चार्ज पर 100 प्रतिशत की छूट प्रदत्त होगी।
  • राज्यान्तरिक सौर पावर को तृतीय पक्ष को विक्रय किए जाने पर अथवा कैप्टिव उपयोग पर व्हीलिंग/ट्रासमिशन चार्ज पर 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
  • राज्य के बुंदेलखंड एवं पूर्वांचल क्षेत्र में स्टैंड अलोन सौर पावर परियोजनाओं की स्थापना पर सोलर पावर परियोजनाओं का ग्रिड संयोजन निर्माण लागत का निश्चित किमी. तक व्यय सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
  • राज्य में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने एवं निवेश आकर्षित करने के लिए नीति अंतर्गत सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र में सोलर पार्क की स्थापना को प्राविधानित किया गया है।
  • बुंदेलखंड क्षेत्र में भूमि उपलब्धता की संभावना के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के मेगा सोलर पार्क की स्थापना की जाएगी।
  • राज्य सरकार सोलर पार्कों की स्थापना हेतु विशेष प्रोत्साहन प्रदान करेगी।

संबंधित लिंक
http://information.up.nic.in/View_Hindinews.aspx?id=825
http://upneda.org.in/sites/default/files/all/section/Uttar_Pradesh_Solar_Power_Policy-2017___Final_Draft_.pdf

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