दूरसंवेदी उपग्रह रिसोर्ससैट-2 ए का सफल प्रक्षेपण

PSLV-C36 Successfully Launches RESOURCESAT-2A Remote Sensing Satellite

प्रश्न-7 दिसंबर, 2016 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने किस ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपणयान से दूरसंवेदी उपग्रह रिसोर्ससैट-2 ए का सफल प्रक्षेपण किया?
(a) पीएसएलवी-सी 36
(b) पीएसएलवी-सी 35
(c) पीएसएलवी-सी 33
(d) पीएसएलवी-सी 37
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 7 दिसंबर, 2016 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपणयान पीएसएलवी-सी 36 (PSLV-C36) से दूरसंवेदी उपग्रह ‘रिसोर्ससैट-2 ए’ (RESOURCESAT-2A) का सफल प्रक्षेपण किया।
  • 1235 किग्रा. वजन के रिसोर्ससैट-2 ए उपग्रह का प्रक्षेपण सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार, श्रीहरिकोटा से सुबह 10:25 पर किया गया।
  • यह ध्रुवीय प्रक्षेपणयान का लगातार 37 वां सफल मिशन था जबकि यह पीएसएलवी की 38 वीं उड़ान थी।
  • प्रक्षेपण यान ने 824 किमी. दूरी 17 मिनट 5 सेकंड में तय कर ध्रुवीय सूर्य समकालीन कक्षा (Polar Sun Synchronous Orbit) को प्राप्त किया जो भूमध्य रेखा के 98.725 डिग्री के कोण पर है।
  • इसके 47 सेकंड बाद रिसोर्ससैट-2 ए पीएसएलवी के चौथे चरण से अलग हो गया।
  • अलग होने के बाद रिसोर्ससैट-2 ए उपग्रह के दो सौर सारणियां अपने आप कार्य करने लगे।
  • जिसका नियंत्रण बंगलुरू स्थित इसरो के ‘टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क’ (ISTRAC) ने संभाल लिया।
  • रिसोर्ससैट-2 ए एक दूरसंवेदी उपग्रह है, जिसका लक्ष्य वर्ष 2003 में प्रक्षेपित रिसोर्ससैट-1 और वर्ष 2011 में प्रक्षेपित रिसोर्ससैट-2 के कार्यों को आगे बढ़ाना है।
  • अपने पूर्ववर्ती रिसोर्ससैट-1 और 2 की तरह रिसोर्ससैट-2 ए भी विशिष्ट थ्री-टियर इमेजिंग प्रणाली और उन्नत वाइड फील्ड सेंसर (AWiFS), रैखिक इमेजिंग सेल्फ स्कैनर-3 (LISS-3) और रैखिक इमेजिंग सेल्फ स्कैनर-4(LISS-4) कैमरों से युक्त है।
  • रिसोर्ससैट 2 ए का लक्ष्य वैश्विक उपयोगकर्ताओं के लिए दूरसंवेदी डेटा सेवाएं जारी रखना है।
  • रिसोर्ससैट-2 ए से कृषि से संबंधित आंकड़ों जैसे फसल के क्षेत्र, उत्पादन का अनुमान लगाने, सूखे की निगरानी करने, मिट्टी के बारे में जानकारी हासिल करने, फसलों के विश्लेषण आदि में मदद मिलेगी।
  • इससे मिलने वाले आंकड़ों का इस्तेमाल जल संसाधनों जैसे भूमि के ऊपर जल की स्थिति, भूमिगत जल, सिंचाई के लिए नहरों के निर्माण के अध्ययन में हो सकेगा।
  • इसके अलावा इनसे मिलने वाले आंकड़ों से बर्फ और ग्लेशियर के अध्ययन और उनकी निगरानी तथा प्रबंधन और तटीय प्रबंधन में भी मदद मिलेगी।
  • इस उपग्रह के मिशन का जीवन काल 5 वर्षों का होगा।
  • इस उपग्रह के सफल प्रक्षेपण के साथ ही भारत ने पीएसएलवी प्रक्षेपणयान की मदद से अब तक 122 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया जिसमें 43 उपग्रह भारतीय हैं और शेष 79 विदेशों के हैं।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=56494
http://www.isro.gov.in/launcher/pslv-c36-resourcesat-2a
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=155074
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=154978
http://www.isro.gov.in/update/07-dec-2016/pslv-c36-successfully-launches-resourcesat-2a-remote-sensing-satellite
http://www.isro.gov.in/launchers/pslv
http://www.isro.gov.in/Spacecraft/resourcesat-2a