तरल पदार्थों में पीजोइलेक्‍ट्रिक प्रभाव

प्रश्न – कहां के वैज्ञानिकों ने पहली बार तरल पदार्थों में पीजोइलेक्‍ट्रिक प्रभाव की खोज की है?
(a) कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय
(b) मिशीगन राज्य विश्वविद्यालय
(c) हार्वर्ड विश्वविद्यालय
(d) कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
उत्तर – (b)
संबंधित तथ्य –

पीजोइलेक्‍ट्रिक प्रभाव –

  • पीजोइलेक्‍ट्रिक प्रभाव एक ऐसी घटना है जहां विशिष्ट प्रकार की सामाग्री जैसे क्‍वार्ट्ज, पुखराज आदि खुद पर लागू यांत्रिक तनाव के अनुपात में विद्युत आवेश उत्‍पन्‍न करता है।
  • यह तब होता है जब क्रिस्टल विरूपण के कारण गतिज या यांत्रिक ऊर्जा का विद्युत ऊर्जा में रूपान्‍तरण होता है।
  • पीजोइलेक्‍ट्रिक ऐसी सामाग्री है जो यांत्रिक तनाव के कारण बिजली उत्‍पादन कर सकती है।
  • पीजोइलेक्‍ट्रिक प्रभाव ठोस सामग्री में आम है, चाहे वह एक समग्र या शुद्ध ठोस हो।
  • तरल पदार्थों में इसकी खोज अब हुई है।
  • अनुप्रयोग –
  • हिमशैल का पता लगाने में
  • सोलार उपकरण में
  • सेंसर, हाई वोल्‍टेज जेनरेटर, इलेक्‍ट्रॉनिक फ्रीक्‍वेंसी जनरेटर, माइक्रोबैलेंस इंकजेट प्रिंटर और अल्‍ट्रा -फाइन फोकसिंग और ऑप्‍टिकल असेंबली के संरेखण आदि में।
  • परमाणु संकल्‍पना के साथ कई वैज्ञानिकों का आधार भी है, जैसे स्कैनिंग टनलिग माइक्रोस्कोप।

लेखक – अशोक तिवारी

संबंधित लिंक भी देखें…

https://msutoday.msu.edu/news/2023/ask-the-expert-why-seeing-the-piezoelectric-effect-in-liquids-is-a-big-deal#:~:text=Iqbal%20Hossain%2C%20were%20able%20to,opens%20possibilities%20for%20new%20applications.