तमिलनाडु भारत में अंगदान में सबसे ऊपर

Tamil Nadu, India tops the organ donations

प्रश्न-‘अंगदान’ के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) अंगदान की जानकारी के बारे में सबसे पहला कदम डोनर कार्ड पर हस्ताक्षर करना है।
(b) डोनर कार्ड कोई कानूनी दस्तावेज नहीं है, लेकिन किसी व्यक्ति की दान करने की इच्छा की अभिव्यक्ति है।
(c) महत्त्वपूर्ण अंग जैसे हृदय, यकृत, फेफड़े, गुर्दे, पाचन ग्रंथि, हार्ट वाल्ब्स, स्किन,हड्डीयां, अस्थिबंध, शिराएं, पसलियां आदि का दान मस्तिष्क मृत्यु के मामले में किया जा सकता है।
(d) उपरोक्त सभी
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • 17 अगस्त, 2015 को तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सी विजय भास्कर ने कहा की अंगदान करने के मामले में देश में शीर्ष स्थान पर तमिलनाडु है।
  • वर्ष 2008 में राज्य के प्रत्यारोपण प्राधिकरण गठन के बाद से 688 लोगों में से अंग निकाल कर 3000 से अधिक लोगों में प्रत्यारोपित किया गया है।
  • 16 सितंबर, 2008 को अंग प्रत्यारोपण को व्यवस्थित करने के लिए तमिलनाडु ने प्रत्यारोपण प्राधिकरण का गठन किया था। जिसमें अंगदान की प्रक्रियाओं को सरल बनाने के प्रावधान मौजूद थे।
  • उल्लेखनीय है कि, तमिलनाडु अंग प्रत्यारोपण संगठन की अक्टूबर 2008 से जुलाई 2015 को रिपोर्ट के अनुसार अंग प्रत्यारोपण के तहत 629 लिवर, 1219 किडनी, 142 हृदय, 67 फेफड़ा, 4 अग्नाश्य, 2 छोटी आंत, 616 हार्ट वाल्ब्स, 1022 कार्निया, 19 त्वचा और 2 रक्त वाहिका शामिल हैं।
  • सबसे ज्यादा ऑर्गन तमिलनाडु में डोनेट होते हैं, जिसकी वजह हिर्तेंद्रन इफैक्ट है। डॉ. अशोकन के बेटे हितेंद्र की 2008 में मृत्यु हो गई। उसके हार्ट, लीवर, कार्निया, किडनी के दान से चार लोगों की जान बची और दो लोगों के आंखों को रोशनी मिली। यह घटना इतनी चर्चित हुई की लोग खुद अंगदान करने लगे।
  • ज्ञातव्य है कि, अभी सिर्फ 0.08 व्यक्ति प्रति दस लाख की आबादी पर अंगदान करते हैं। अगर 10 लाख में 1 व्यक्ति अंग दान करने लगे तो ऑर्गन डिमांड पूरी हो जाएगी।
  • भारत में हर वर्ष 93 हजार लोगों के ब्रेन डेड हो जाते हैं। ये लोग अंगदान कर सकते हैं।
  • अंगदान की जानकारी के बारे में सबसे पहला कदम डोनर कार्ड पर हस्ताक्षर करना है। डोनर कार्ड कोई कानूनी दस्तावेज नहीं है।
  • लेकिन किसी व्यक्ति की दान करने की इच्छा की अभिव्यक्ति है।
  • गौरतलब है कि डोनर कार्ड पर हस्ताक्षर करके अंग दान की इच्छा प्रकट करने के बाद यह भी महत्त्वपूर्ण है कि अपने निर्णय की जानकारी परिवार या मित्रों को अवश्य दी जाए। परिवार की स्वीकृति मिलने के बाद ही अंगदान के निर्णय को अंतिम समझा जाता है।
  • महत्त्वपूर्ण अंग जैसे हृदय, लीवर (यकृत), लंग्स (फेफड़े), किडनी, पेनक्रियाज (पाचन ग्रंथि), हार्ट वाल्व्स, स्किन, हड्डियां, लिगामेंट्स (अस्थिबंध), टेंडन्स (शिराएं), पसलियां आदि का दान मस्तिष्क मृत्यु के मामले में किया जा सकता है।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://tamilnadu.indiaeveryday.in/fullnews-tamil-nadu-tops-in-organ-donation-health-minister-c-vijaya-1128-916716.htm
http://www.dmrhs.org/tnos/donors-and-transplanted-organs-tamil-nadu-october-2008-july-2015/1842
http://www.aphithendranmemorialtrust.org/home.html
http://health.bih.nic.in/Rules/THOA-1994.pdf
http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2779960/
http://organdonationday.in/index.php/about/why
http://www.dmrhs.org/tnos/faq-information-for-hospitals/how-much-does-india-lag