केंद्रीय बजट- 2021-2022

Union Budget 2021-22

प्रश्न-1 फरवरी‚ 2021 को केंद्रीय वित्त एवं कारपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2021-22 का केंद्रीय बजट पेश किया इससे संबंधित निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
(i) इसमें बीमा कंपनियों में स्वीकार्य एफडीआई सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
(ii) नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी मिशन 2021-22 शुरू किया जाएगा।
(iii) इसके अनुसार‚ पहला मानवरहित प्रक्षेपण‚ दिसंबर‚ 2021 में होगा।
(iv) लद्दाख में उच्च शिक्षा तक पहुंच बनाने के लिए लेह में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल (i) एवं (ii)
(b) केवल (ii) एवं (iii)
(c) केवल (i) एवं (iii)
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर—(d)
संबंधित तथ्य

  • 1 फरवरी‚ 2021 को केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2021-22 का केंद्रीय बजट पेश किया।
  • केन्द्रीय बजट 2021-22 की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:

6 प्रमुख आधार स्तम्भ
1. स्वास्थ्य और कल्याण
2. भौतिक और वित्तीय पूंजी और बुनियादी ढांचा
3. आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास
4. मानव पूंजी में नवजीवन का संचार
5. नवोन्मेष और अनुसंधान और विकास
6. न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन
1.स्वास्थ्य और खुशहाली

  • बजट में वित्त वर्ष 2021-22 में स्वास्थ्य और खुशहाली में 2,23,846 करोड़ रुपये का व्यय रखा गया है जबकि 2021-22 में यह 94,452 करोड़ रुपये था। यह 137 प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है।
  • स्वास्थ्य के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए तीन क्षेत्रों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित -निवारक‚ उपचारात्मक‚ सुधारात्मक।
  • स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार के लिए कदम
  • टीका
  • वर्ष 2021-22 में कोविड- 19 टीके के लिए 35,000 करोड़ रुपये।
  • मेड इन इंडिया न्यूमोकोकल वैक्सीन वर्तमान में पांच राज्यों के साथ देश भर में आ जाएगी- जिससे हर वर्ष 50 हजार बच्चों की मौतों को रोका जा सकेगा।
  • स्वास्थ्य प्रणालियां
  • प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के लिए 6 वर्ष में 64,180 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।
  • एक नई केन्द्र प्रायोगिक योजना जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त शुरु किया जाएगा।
  • प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के अंतर्गत मुख्य पहल निम्नलिखित है:
  • स्वास्थ्य के लिए राष्ट्रीय संस्थान
  • 17,788 ग्रामीण और 11, 024 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र
  • 4 वायरोलॉजी के लिए 4 क्षेत्रीय राष्ट्रीय संस्थान
  • 15 स्वास्थ्य आपात ऑपरेशन केन्द्र और 2 मोबाइल अस्पताल
  • सभी जिलों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं और 11 राज्यों में 33,82 ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयां
  • 602 जिलों और 12 केन्द्रीय संस्थानों में क्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लॉक स्थापित करना।
  • राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी)‚ इसकी पांच क्षेत्रीय शाखाओं और 20 महानगर स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों को सुदृढ़ करना।
  • एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में विस्तार ताकि सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को जोड़ा जा सके।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण पूर्व एशिया के लिए क्षेत्रीय अनुसंधान प्लेटफॉर्म।
  • 9 बायो सेफ्टी लेवल III प्रयोगशालाएं
  • पोषण
  • मिशन पोषण 2.0 का शुभारंभ होगा
  • पोषणगत मात्रा‚ डिलीवरी‚ आटरीच तथा परिणाम को सुदृढ़ बनाना
  • संपूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान का विलय किया जाएगा।
  • 112 आकांक्षी जिलों में पोषणगत परिणामों में सुधार लाने के लिए एक सुदृढ़ीकरण कार्यनीति अपनाई जाएगी।
  • जल जीवन मिशन (शहरी) के लिए पांच वर्ष में 2,87,000 करोड़ रुपये का परिव्यय
  • शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के लिए पांच वर्ष की अवधि में 1,41,678 करोड़ रुपये का कुल वित्तीय आवंटन
  • वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 42 शहरी केन्द्रों के लिए 2, 217 करोड़ रुपये की राशि मुहैया कराना
  • पुराने और अनुपयुक्त वाहनों को हटाने के लिए एक स्वैच्छिक वाहन स्क्रैपिंग नीति
  • ऑटोमोटिड फिटनेस सेंटर में फिटनेस जांच:
  • निजी वाहनों के मामले में 20 वर्ष के बाद
  • वाणिज्यिक वाहनों के मामलों में 15 वर्ष बाद
  • पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम) योजना के अतिरिक्त मेगा निवेश टेक्स्टाइल पार्क (मित्र) योजना
  • तीन वर्ष की अवधि में 7 टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जाएंगे।
  • राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) का विस्तार करके इसमें 7400 परियोजनाओं को शामिल कर दिया गया है।
  • 1.10 लाख करोड़ रुपये के करीब 217 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
  • संस्थागत बुनियादी ढांचे का गठन: अवसंरचना वित्तपोषण
  • विकास वित्तीय संस्थान (डीएफआई) के पूंजीकरण के लिए 20,000 करोड़ रुपये की धनराशि मुहैया कराई गई है‚ ताकि यह बुनियादी ढांचा वित्त पोषण के लिए प्रदाता और उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर सकें।
  • तीन वर्षों में प्रस्तावित डीएफआई के अंतर्गत कम-से-कम 5 लाख करोड़ रुपये की उधारी पोर्टफोलियो हों।
  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा आईएनवीआईटी और आरईआईटी का ऋण वित्तपोषण संगत विधानों में उपयुक्त संशोधन करके पूरा किया जाएगा।
  • परिसम्पत्तियों पर जोर:
  • राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन की शुरुआत की जाएगी।
  • महत्वपूर्ण परिसम्पत्ति मुद्रीकरण उपाय
  • 5000 करोड़ रुपये के अनुमानित उद्यम मूल्य के साथ पांच परिचालित टोल सड़कें एनएचआईआईएनवीआईटी को हस्तांतरित की जा रही है।
  • 7,000 करोड़ रुपये मूल्य की ट्रांसमिशन परिसंपत्तियांपीजीसीआईएलआईएनवीआईटी को हस्तांतरित की जाएंगी।
  • रेलवे समर्पित भाड़ा कॉरिडोर की परिसम्पतियों को चालू होने के बाद प्रचालन और रखरखाव के लिए मुद्रीकृत करेगा।
  • विमान पत्तनों के प्रचालनों और प्रबंधन रियायत के लिए मुद्रीकृत की जायगी।
  • अन्य प्रमुख बुनियादी ढांचा परिसम्पत्तियों के परिसम्पत्ति मुद्रीकरण कार्यक्रम के तहत शुरु किया जाएगा।
  • गेल‚ आईओसीएल और एचपीसीएल की तेल और गैस पाइपलाइनें
  • टियर II और III शहरों में एएआई विमानपत्तन
  • केन्द्रीय वेयरहाउसिंग निगम और नैफेड जैसे सीपीएसई की वेयरहाउसिंग परिसम्पत्तियां
  • खेल स्टेडियम
  • सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय को 1,81,101 लाख करोड़ रुपये का अब तक का सर्वाधिक आवंटन- 5.35 लाख करोड़ रुपये की भारतमाला परियोजना के तहत 3.3 लाख करोड़ रुपये की लागत से 1,3000 किमी. लंबी सड़कों का निर्माण शुरु तथा 3800 किलोमीटर लम्बी सड़कों का निर्माण हो चुका है।
  • मार्च 2022 तक 8,500 किलोमीटर लम्बी सड़कें और बनाई जाएगी।
  • 11, 000 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारे भी मार्च 2022 तक पूरे कर लिए जाएंगे।
  • आर्थिक गलियारा बनाने की योजना।
  • तमिलनाडु में 1.03 लाख करोड़ रुपये के निवेश से 3, 500 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का कार्य किया जाएगा।
  • केरल में 65, 000 करोड़ रुपये के निवेश से 1,100 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण।
  • पश्चिम बंगाल में 25,000 करोड़ रुपये लागत का 675 किलोमीटर का राजमार्ग निर्माण कार्य।
  • असम में 19000 करोड़ रुपये लागत का राष्ट्रीय राजमार्ग कार्य इस समय जारी है। राज्य में अगले तीन वर्षों में 34,000 करोड़ रुपये लागत के 1,300 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जाएगा।
  • रेलवे अवसंरचना
  • रेलवे के लिए 1,10,055 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है‚ जिसमें से 1,07,100 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए।
  • भारत के लिए राष्ट्रीय रेल योजना (2030) : 2030 तक भविष्य के लिए तैयार रेल व्यवस्था बनाने के लिए।
  • पश्चिमी समर्पित भाड़ा कॉरिडोर (डीएफसी) और पूर्वी डीएफसी को जून 2022 तक चालू करना। इससे परिवहन लागत कम होगी और मेक-इन-इंडिया रणनीति को समर्थ बनाया जा सकेगा।
  • 2021-22 में पूर्वी डीएफसी का सोननगर- गोमो खण्ड (263.7 किमी.) पीपीपी मोड में शुरु किया जायेगा।
  • खडगपुर से विजयवाड़ा तक पूर्वी तट कॉरिडोर
  • भुसावल से खडगपुर से दानकुनी तक पूर्वी-पश्चिमी कॉरिडोर
  • इटारसी से विजयवाड़ा तक उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर
  • सार्वजनिक बस परिवहन सेवाओं का विस्तार करने के लिए 18,000 करोड़ रुपये की लागत से एक नई योजना शुरु की जाएगी।
  • इसके तहत नवोन्मेषी पीपीपी मॉडल लागू किया जाएगा‚ जिसके तहत निजी क्षेत्र के परिचालकों को 20,000 से ज्यादा बसों की खरीद‚ परिचालन‚ रख-रखाव और वित्त का प्रबंधन करने का अवसर मिलेगा।
  • विद्युत अवसंरचना
  • पिछले 6 सालों में स्थापित क्षमता में 139 गीगा वाट्‌स का इजाफा किया गया है और 1.41 लाख किलोमीटर ट्रांसमशिन लाइनें जोड़ी गई हैं‚ 2.8 करोड़ अतिरिक्त घरों में कनेक्शन दिये गये हैं।
  • वृहद हाइड्रोजन एनर्जी मिशन 2021-22 शुरु किया जायेगा।
  • पत्तन‚ नौवहन‚ जलमार्ग
  • वित्त वर्ष 2021-22 में बड़े-बड़े पत्तनों पर सरकारी और निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत प्रमुख पत्तनों द्वारा 7 परियोजनाओं प्रस्तावित की जाएगी। जिनकी लागत 2000 करोड़ रुपये से अधिक होगी।
  • आने वाले 5 वर्षों में भारतीय शिपिंग कंपनियों को मंत्रालयों और सीपीएसई के वैश्विक टेंडरों में 1624 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की जायेगी।
  • 2024 तक रिसाइकिलिंग की मौजूदा क्षमता को मौजूदा 4.5 मिलियन लाइट डिस्प्लेसमेंट टन (एलडीटी) से बढ़ाकर दोगुना कर दिया जायेगा। इससे डेढ़ लाख अतिरिक्त नौकरियां पैदा होंगी।
  • उज्ज्वला योजना का विस्तार कर इसमें 1 करोड़ और लाभार्थियों को शामिल किया जायेगा।
  • अगले तीन वर्ष में 100 अन्य जिलों को सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूसन नेटवर्क से जोड़ा जायेगा।
  • एक स्वतंत्र गैस ट्रांसपोर्ट सिस्टम ऑपरेटर का गठन किया जायेगा ताकि बिना किसी भेदभाव के खुली पहुंच के आधार पर सभी प्राकृतिक गैस पाइप- लाइनों की कॉमन कैरियर कैपिसिटी की बुकिंग में सुविधा प्रदान की जा सकेगी।
  • वित्तीय पूंजी
  • एक युक्तिसंगत एकल सिक्योरिटीज मार्केट कोड तैयार किया जायेगा।
  • सरकार जीआईएफटी -आईएफएससी में एक विश्वस्तरीय फिनटेक हब विकसित करने के लिए समर्थन देगी।
  • गैर परंपरागत ऊर्जा क्षेत्र को और अधिक बढ़ावा देने के लिए भारतीय सौर ऊर्जा निगम में 1,000 करोड़ रुपये और भारतीय नवीकरणीय उर्जा विकास एजेंसी में 1,500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी लगाई जायेगी।
  • बीमा कंपनियों में स्वीकार्य एफडीआई सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करना और विदेशी स्वामित्व और नियंत्रण से सुरक्षा को बढ़ाना।
  • लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) कानून 2008 को अपराध मुक्त बनाया जायेगा।
  • कंपनी अधिनियम 2013 के तहत लघु कंपनियों की परिभाषा में संशोधन किया जायेगा जिसके तहत प्रदत्त पूंजी के लिए उनकी न्यूनतम सीमा 50 लाख रुपये से अधिक नहीं होने के स्थान पर 2 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना तथा कारोबार की न्यूनतम सीमा 20 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना तय किया जायेगा।
  • स्टार्टअप और नवाचार के लिए काम करने वालों को ओपीसी की मंजूरी देते हुए एकल व्यक्ति कंपनी के निगमन को प्रोत्साहित किया जायेगा।
  • वर्ष 2021-22 में डाटा विश्लेषण‚ कृत्रिम बौद्धिकता मशीन‚ शिक्षा जनित एमसीए 21वर्जन 3.0 की शुरुआत की जाएगी।
  • विनिवेश एवं रणनीतिक बिक्री
  • बजट अनुमान 2020-21 में विनिवेश से 1,75, 000 करोड़ रुपए की अनुमानित प्राप्तियां।
  • बीपीसीएल‚ एयर इंडिया‚ शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया‚ कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया‚ आईडीबीआई बैंक‚ बीईएमएल‚ पवन हंस‚ नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड आदि का रणनीतिक विनिवेश 2020-21 में पूरा हो जाएगा।
  • आईडीबीआई बैंक के अलावा दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और एक जनरल बीमा कंपनी का निजीकरण किया जाएगा।
  • 2021-22 में एलआईसी का आईपीओ
  • कृषि
  • सभी जिन्सों के लिए उत्पादन लागत का कम से कम डेढ़ गुना न्यूनतम मूल्य समर्थित सुनिश्चित करना।
  • स्वामित्व योजना का सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में विस्तार किया जाएगा। 1241 गावों में 1.80 लाख संपत्ति मालिकों को कार्ड पहले ही उपलब्ध कराए जा चुके हैं।
  • वित्तीय वर्ष 2022 में कृषि क्रेडिट लक्ष्य बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। पशुपालन डेरी और मछली पालन ध्यान केंद्रित क्षेत्र होंगे
  • ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास निधि 30 हजार करोड़ से बढ़ाकर हजार 40 हजार करोड़ रुपए की जाएगी।
  • सूक्ष्म सिंचाई निधि दोगुनी करके 10 हजार करोड़ रुपए की गई।
  • ऑपरेशन ग्रीन स्कीम जल्दी खराब होने वाले 22 उत्पादों तक विस्तारित ताकि कृषि और संबद्ध उत्पादों में मूल्य संवर्द्धन को बढ़ावा मिले।
  • ई-नाम के माध्यम से लगभग 1.68 करोड़ किसानों को पंजीकृत किया गया और 1.14 लाख करोड़ रुपये मूल्य का व्यापार किया गया। 1000 और मंडियों को पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा लाने के लिए ई-नाम के साथ एकीकृत किया जाएगा।
  • ईपीएमसी को बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने के लिए कृषि बुनियादी ढांचा निधियों तक पहुंच मिलेगी।
  • मछली पालन
  • समुद्र और देश में आधुनिक मछली बंदरागाहों और मछली लैंडिंग केंद्रों के विकास के लिए निवेश
  • पांच प्रमुख मछली बंदरगाहों कोच्चि‚ चेन्नई‚ विशाखापट्टनम‚ पारादीप और पेतवाघाट को आर्थिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा
  • सीवीड उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए तमिलनाडु में बहुउद्देशीय सीवीड पार्क
  • वित्तीय समायोजन
  • अनुसूचित जाति‚ अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के लिए चलाई गई स्टैंड अप इंडिया स्कीम
  • मार्जिन मनी को घटाकर 15 प्रतिशत किया गया।
  • एमएसएमई क्षेत्र के लिए बजट में 15700 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है‚ जोकि इस वर्ष के बजट अनुमान का दोगुना है।
  • विद्यालय शिक्षा
  • 15,000 से अधिक विद्यालयों में गुणवत्ता की दृष्टि से सुधार किया जाएगा ताकि वहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी घटकों का अनुपालन हो सके। वह अपने-अपने क्षेत्र में एक उदाहरणपरक विद्यालय के रूप में उभर कर आएंगे और अन्य विद्यालयों को भी सहारा देंगे।
  • गैर सरकारी संगठनों/निजी स्कूलों/राज्यों के साथ भागीदारी में 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित किए जाएंगे।
  • उच्चतर शिक्षा
  • भारतीय उच्चतर शिक्षा आयोग गठित करने को लेकर इस वर्ष विधान पेश किया जाएगा। जिसमें निर्धारण‚ प्रत्यायन‚ विनियमन‚ और फंडिंग के लिए चार अलग-अलग घटक होंगे।
  • सभी सरकारी कॉलेजों‚ विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों द्वारा कई शहरों में छत्रक संरचनाओं की स्थापना की जाएगी‚ जिससे बेहतर समन्वय हो सके।
  • इस उद्देश्य के लिए एक ग्लू ग्रांट अलग से रखा जाएगा।
  • लद्दाख में उच्च शिक्षा तक पहुंच बनाने के लिए लेह में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।
  • अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण
  • जनजतीय क्षेत्रों में 750 एक्लव्य मॉडल रिहायशी स्कूलों की स्थापना करने का लक्ष्य।
  • ऐसे स्कूलों की इकाई लागत को बढ़ाकर 38 करोड़ रुपये करना।
  • पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों के लिए इसे बढ़ाकर 48 करोड़ रुपये करना।
  • जनजातीय विद्यार्थियों के लिए अवसंरचना सुविधा को पैदा करने पर ध्यान देना।
  • अनुसूचित जाति वेâे कल्याण के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना पुन: प्रारंभ की गई। 2025-26 तक 6 वर्षों के लिए 35,219 करोड़ करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता में वृद्धि की गई इससे 4 करोड़ अनुसूचित जाति के छात्रों को लाभ मिलेगा।
  • कौशल
  • युवाओं के लिए अवसरों को बढ़ाने के लिए अप्रेंटिशिप अधिनियम में सुधार का प्रस्ताव दिया।
  • अभियांत्रिकी में स्नातकों और डिप्लोमा धारकों की शिक्षा-उपरांत अप्रेंटिशिप‚ प्रशिक्षण की दिशा में मौजूदा राष्ट्रीय अप्रेंटिशिप प्रशिक्षण योजना के पुनर्सृजन के लिए 3,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव।
  • राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के लिए जुलाई 2019 में एक कार्यप्रणाली तैयार की गई थी। पाँच वर्षों में 50, 000 करोड़ रुपये का परिव्यय।
  • संपूर्ण अनुसंधान व्यवस्था को मजबूत करना और राष्ट्रीय प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना
  • भुगतान के डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने की प्रस्तावित योजना के लिए 1500 करोड़ रुपये।
  • प्रमुख भारतीय भाषाओं में शासन और नीति से संबंधित ज्ञान को उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन (एनटीएलएम) की शुरुआत की पहल
  • न्यू स्पेश इंडिया लिमिटेड द्वारा पीएसएलवी-सीएस 51 को छोड़ा जाएगा जो अपने साथ ब्राजील के अमेजोनिया उपग्रह और कुछ भारतीय उपग्रहों को ले जाएगा
  • गगनयान मिशन गतिविधियों के तहत
  • चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियो को रूस में जैनरिक स्पेस फ्लाइट के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है
  • मानवरहित प्रक्षेपण दिसंबर 2021 में होगा।
  • इस बजट में टैक्स स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं किया गया।

लेखक- विवेक कुमार त्रिपाठी

संबंधित लिंक भी देखें…
https://www.indiabudget.gov.in/doc/Key_to_Budget_Document_2021.pdf
https://www.indiabudget.gov.in/doc/Budget_at_Glance/budget_at_a_glance.pdf
https://www.indiabudget.gov.in/