आईएनएस तरासा भारतीय नौसेना में शामिल

Indian Navy commissions Water Jet Fast Attack Craft at Mumbai - 26 Sep 17

प्रश्न-हाल ही में चार फॉलो ऑन वॉटर जेट तीव्र हमलावर पोतों की शृंखला के अंतिम पोत ‘आईएनएस तारासा’ को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। इसका निर्माण किसके द्वारा किया गया?
(a) गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स
(b) कोचीन शिपयॉर्ड लि.
(c) हिंदुस्तान शिपयार्ड लि.
(d) मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लि.
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 26 सितंबर, 2017 को चार फालो-ऑन वॉटर जेट तीव्र हमलावर पोतों (FOWJFAC: Follow on Waterjet Fast Attack Craft) की शृंखला के अंतिम पोत ‘आईएनएस तारासा’ (INS Tarasa) को मुंबई (महाराष्ट्र) में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
  • ‘कार निकोबार-श्रेणी’ (Car Nicobar-Class) के तीव्र गति वाले ‘अपतटीय गश्ती पोत’ (Offshore Patrol Vessels) आईएनएस तारासा का निर्माण कोलकाता स्थित ‘गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इजीनियर्स (GRSE) द्वारा किया गया।
  • आईएनएस तारासा 50 मीटर लंबा है और यह तीन वाटर जेट प्रणोदन प्रणालियों से संचालित है, जो इसे 35 नॉट (65 किमी./घंटा) से अधिक की गति प्रदान करती हैं।
  • यह पोत 30mm की मुख्य बंदूख के अतिरिक्त कई हल्की एवं भारी मशीनगनों से लैस है।
  • इस पोत से कई मिशनों जैसे तटीय एवं अपतटीय निगरानी, अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) पर नियंत्रण के साथ-साथ असैनिक मिशनों यथा खोज एवं बचाव, मानवीय सहायता तथा आपदा राहत आदि का संचालन किया जा सकेगा।
  • इसका संचालन मुंबई स्थित पश्चिम नौसेना कमान द्वारा किया जाएगा।
  • गौरतलब है कि यह भारतीय नौसेना का दूसरा जहाज है, जिसे आईएनएस तारासा का नाम दिया गया है।
  • पहले आईएनएस तारासा ने वर्ष 1999 से लेकर वर्ष 2014 तक नौसेना की सेवा की थी।
  • इसे हिंद महासागरीय क्षेत्र में भारतीय साझेदारी के प्रतीक के रूप में सेशल्स तटरक्षक बल को उपहार में दे दिया गया था।
  • उल्लेखनीय है कि इस श्रेणी के पहले तीन पोतों यथा ‘आईएनएस तारमुगली’,‘आईएनएस तिहायु’ तथा ‘आईएनएस तिलाचांग’ को क्रमशः मई, 2016 एवं अक्टूबर, 2016 तथा मार्च, 2017 में भारतीय नौसेना में शामिल किया जा चुका है।

संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=171117
http://pib.nic.in/newsite/PrintHindiRelease.aspx?relid=67327