प्रश्न- हाल ही में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा गठित ‘अजय शंकर समिति’ किस प्रयोजन के लिए स्थापित की गई है?
(a) वित्तीय समावेशन
(b) कृषि विकास
(c) उद्योग के लिए मंजूरी को सरल बनाने के लिए
(d) महिलाओं की सुरक्षा
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
- 7 अप्रैल, 2015 को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने उद्योगों के लिए मंजूरी को सरल बनाने के लिए औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (DIPP) के पूर्व सचिव अजय शंकर की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
- उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री के बजट भाषण को ध्यान में रखते हुए सरल तरीके से नियम अनुपालन के उपाय सुझाने के लिए इस समिति को गठित किया गया है।
- यह विशेषज्ञ समिति ‘अनेक तरह की पूर्व अनुमति लेने’ के स्थान पर ‘पहले से ही मौजूद नियामक व्यवस्था’ कायम करने की संभावनाओं पर गौर करेगी और इसके लिए एक कानून का मसौदा भी तैयार करेगी।
- इस समिति की निम्नलिखित कार्यशर्तें हैं-
- विभिन्न तरह की पूर्व अनुमति की सूची से इस तरह की इजाजत की आवश्यकता का अध्ययन करना।
- इस तरह की पूर्व अनुमति लेने के स्थान पर पहले से ही मौजूद (प्रस्तावित) नियामक व्यवस्था या तंत्र।
- पूर्व अनुमति लेने की व्यवस्था को बदलते वक्त हिफाजतों की पहचान करना और इन हिफाजतों को प्रस्तावित नियामक व्यवस्था में एकीकृत करना।
- प्रस्तावित नियामक व्यवस्था की एक रूपरेखा की सिफारिश करना।
- प्रस्तावित कानून का मसौदा तैयार करना।
- यह विशेषज्ञ समिति 30 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश कर देगी।
- ज्ञातव्य हो कि इसके अलावा अजय शंकर, रेल मंत्रालय द्वारा 25 मार्च, 2015 को रेलवे बोर्ड के मौजूदा सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) प्रकोष्ठ के कामकाज की समीक्षा के लिए गठित समिति की भी अध्यक्षता कर रहे हैं।
संबंधित लिंक भी देखें…
http://commerce.nic.in/pressrelease/pressrelease_detail.asp?id=3154
http://dipp.nic.in/English/Investor/Constitution_of_Expert_Committee.pdf
Sir ye purwa anumati ka matlb kya hai ?
Sir , ye purwa anumti (prior permission ) hai kya ?