अंतरराष्ट्रीय कदन्न वर्ष घोषित करने का प्रस्ताव

The year 2018 as International Year of Millets

प्रश्न-हाल ही में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने संयुक्त राष्ट्र को किस वर्ष को ‘अंतर-राष्ट्रीय कदन्न वर्ष’ के रूप में घोषित करने का प्रस्ताव भेजा है?
(a) वर्ष 2021
(b) वर्ष 2018
(c) वर्ष 2019
(d) वर्ष 2020
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य

  • 22 नवंबर, 2017 को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने संयुक्त राष्ट्र को वर्ष 2018 को ‘अंतरराष्ट्रीय कदन्न वर्ष’ (International Year of Millets) के रूप में घोषित करने का प्रस्ताव भेजा है।
  • उल्लेखनीय है कि कदन्न को छोटे बीज वाली घास के रूप में वर्गीकृत किया जाता है जिसे प्रायः पोषक तत्व वाले अनाजों अथवा शुष्क भूमि-अनाज का नाम दिया जाता है।
  • इसमें ज्वार, बाजरा, रागी, छोटे कदन्न, फॉक्सटेल कदन्न, प्रोसो कदन्न, बार्नियार्ड कदन्न, कोदो कदन्न और अन्य कदन्न शामिल हैं।
  • संपूर्ण उप-सहारा अफ्रीका और एशिया में लाखों छोटी जोत वाले शुष्क भूमि के किसानों के लिए कदन्न की महत्वपूर्ण रेशा अनाज फसल के रूप में कठिन समय में भी पोषण, अनुकूलता, आय और आजीविका प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका है।
  • कदन्न जैसे कम खर्चीले और पोषक तत्व से भरपूर अनाज का इस्तेमाल करने से एनीमिया (लोहे की कमी), बी-काम्लेक्स विटामिन की कमी, पेलाग्रा (नियासिन की कमी) को प्रभावी ढंग से दूर किया जा सकता है।
  • यदि प्रस्ताव पर सहमति होती है, तो इससे उपभोक्ताओं, नीति निर्माताओं उद्योग और अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र में कदन्न के बारे में जागरूकता आएगी।

संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=173750