असम में मातृत्व मृत्यु दर

Maternal mortality in Assam is higher

प्रश्न-हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एक उद्घोषणा के अनुसार असम में मातृत्व मृत्यु दर (एमएमआर) कितनी है?
(a) 300
(b) 167
(c) 250
(d) 280
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 16 फरवरी, 2018 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एक उद्घोषणा के अनुसार असम ‘एमएमआर’ के संदर्भ में भारत में सबसे निचले पायदान पर है।
  • असम में एमएमआर 300 है।
  • ध्यातव्य है कि एमएमआर गर्भावस्था या उसके प्रबंधन से संबंधित किसी भी कारण से प्रति लाख जीवित जन्मों पर महिलाओं की वार्षिक मृत्यु की संख्या को दर्शाता है।
  • असम का एमएमआर राष्ट्रीय औसत 167 की तुलना में काफी अधिक है।
  • वर्ष 2017-18 में असम ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत केवल 13.58 प्रतिशत निधि का उपयोग किया है।
  • अपनी उद्घोषणा में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने असम में एमएमआर को कम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
  • चार वर्ष पूर्व असम में ‘एमएमआर’ 383 एवं वर्ष 2002 में 447 था।
  • गिरावट दर-शीर्ष ‘एमएमआर’ होने के बावजूद असम में इसकी गिरावट दर सर्वाधिक है।
  • उपाय-असम के नागांव, धुबरी, गोलपाड़ा, कार्बी आंग्लोंग, कोकराझार और चिरांग समेत कई जिलों में ‘एमएमआर’ को कम करने हेतु ‘मिशन इंद्रधनुष’ के तहत टीकारण और अन्य मेडिटेशन को व्यापक रूप से लागू किया जा रहा है।
  • ध्यातव्य है कि असम में आईएमआर (44) भी राष्ट्रीय स्तर (37) की तुलना में अधिक है।
  • आईएमआर (इन्फैन्ट मॉर्टेलिटी रेट, शिशु मृत्यु दर) प्रति हजार जीवित जन्मों पर होने वाली मृत्यु (12 माह आयुवर्ग से कम बच्चों की) की संख्या है।
  • ध्यातव्य है कि राज्य भर में 81 विभिन्न योजनाएं एनएचएम के तहत चल रही हैं।
  • डॉक्टरों की संख्या-मंत्रालय की उद्घोषणा के अनुसार असम में प्रति 3000 लोगों पर सिर्फ एक चिकित्सक है।
  • जबकि इस संदर्भ में ‘डब्ल्युएचओ’ मानक के अनुसार प्रति हजार लोगों में एक डॉक्टर मौजूद है।
  • जबकि भारत में स्थिति एक डॉक्टर प्रति 1592 की जनसंख्या है।
  • जबकि नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश में 4000 की जनसंख्या पर सिर्फ एक डॉक्टर है।
  • आवश्यकता-देश को 2022 तक लगभग 17 लाख चिकित्सकों की आवश्यकता होगी। साथ ही नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना जरूरी है।
  • ध्यातव्य है कि केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष 52 मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी थी और इस साल 24 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना का चरण शुरू किया जाएगा जो 2021-22 तक पूर्ण होगा।

संबंधित लिंक
https://nenow.in/maternal-mortality-rate-mmr-high-assam.html
http://www.thehindu.com/news/national/nod-for-24-new-medical-colleges-more-seats/article22683468.ece