प्रश्न-वाणिज्यिक पत्रों की अवधारणा वस्तुतः कहां के वित्तीय बाजारों की है?
(a) चीन के
(b) जापान के
(c) भारत के
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
(a) चीन के
(b) जापान के
(c) भारत के
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
- नवंबर, 2019 में बंबई शेयर बाजार (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने वाणिज्यिक पत्रों (CPs) को सूचीबद्ध करने के लिए व्यवस्था की रूपरेखा जारी की।इस कदम का उद्देश्य इस प्रकार की प्रतिभूतियों में निवेशकों का योगदान बढ़ाना है।
- शेयर बाजारों की उद्घोषणाओं के अनुसार, जारीकर्ता अब 27 नवंबर या उसके बाद जारी किए गए वाणिज्यिक पत्रों (CPs) को सूचीबद्ध करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- ध्यातव्य है कि सेबी ने अक्टूबर में शेयर बाजारों को वाणिज्यिक पत्रों को सूचीबद्ध करने के लिए प्रणाली और प्रक्रियाओं की जरूरी व्यवस्था प्रस्तुत करने के लिए कहा था।
- सूचीकरण (Listing) से संबंधित दिशा-निर्देशजारीकर्ता कुछ विशेष जानकारियों के साथ अपने वाणिज्यिक पत्र सूचीबद्ध कराने के लिए शेयर बाजारों के पास आवेदन कर सकते हैं। न्यूनतम 100 करोड़ रुपये की कुछ संपत्ति वाली और इसी तरह की अन्य प्रतिभूति वाली कंपनियां, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs) और अन्य इकाइयां वाणिज्यिक पत्रों को सूचीबद्ध कराने के लिए पात्र हैं।
- वाणिज्यिक पत्र (CPs) :-
- CPs एक प्रतिभूति रहित मुद्रा बाजार साधन है, जिसे एक वचनपत्र के रूप में जारी किया जाता है।
- यह जारीकर्ता द्वारा सीधे निवेशकों को बेचा जा सकता है।
- इसके अलावा मध्यस्थ बैंक या प्रतिभूतियों के व्यापारियों द्वारा रखा जा सकता है।
- वस्तुतः यह अवधारणा सं.रा. अमेरिका तथा यूरोप के वित्तीय बाजारों की है।
संबंधित लिंक भी देखें…