प्रश्न-हाल ही में RBI की मौद्रिक नीति समिति ने एक लोकपाल (डिजिटल लेन-देन विवाद निस्तारण हेतु। योजना के कार्यान्वयन का फैसला लिया है, जिसे अधिसूचित) किया जाएगा।
(a) जनवरी, 2019 तक
(b) फरवरी, 2019 तक
(c) मार्च, 2019 तक
(d) अप्रैल, 2019 तक
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- 5 दिसंबर, 2018 को RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में डिजिटल लेन-देन से संबंधित एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया।
- यह फैसला है-डिजिटल लेन-देन विवाद निस्तारण एक लोकपाल योजना के कार्यान्वयन का।
- इस योजना को जनवरी, 2019 के अंत तक अधिसूचित किया जाएगा।
- ध्यातव्य है कि नवंबर, 2016 में हुई नोटबंदी के बाद से देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़े हैं और इससे जुड़े विवाद भी सामने आ रहे हैं।
- RBI की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार डिजिटल लेन-देन से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य निम्नवत हैं-
- भुगतान और निपटान प्रणालियों में वर्ष 2017-18 के दौरान अच्छी-खासी वृद्धि हुई है।
- यह वर्ष 2016-17 में मात्रात्मक और मूल्यानुसार हुई क्रमशः 44.6 प्रतिशत और 11.9 प्रतिशत की वृद्धि से बढ़कर क्रमशः 56.0 प्रतिशत और 24.8 प्रतिशत हो गयी है।
- खुदरा भुगतान की कुल मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन का हिस्सा वर्ष 2017-18 में बढ़कर 92.6 प्रतिशत हो गया।
- जो पिछले वर्ष 88.9 प्रतिशत था और कागज आधारित समाशोधन लिखतों की हिस्सेदारी इसी के अनुरूप 2016-17 के 11.1 प्रतिशत से घटकर 2017-18 में 7.4 प्रतिशत हो गई।
- भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक तरीकों में RTGS प्रणाली द्वारा 2017-18 में 1,167 ट्रिलियन रु. मूल्य के 124 मिलियन लेन-देन किए गए, जो पिछले वर्ष के 982 ट्रिलियन रुपये मूल्य के 108 मिलियन लेन-देन से अधिक थे।
- NEFT प्रणाली द्वारा 2017-18 में लगभग 172 ट्रिलियन रुपये मूल्य के 1.9 बिलियन लेन-देन किए गए, जो पिछले वर्ष के 120 ट्रिलियन रुपये मूल्य के 1.6 बिलियन लेन-देन की तुलना में मात्रात्मक रूप से 20 प्रतिशत तथा मूल्यानुसार 43.5 प्रतिशत अधिक थे।
- वर्ष 2017-18 के दौरान मोबाइल बैंकिंग सेवाओं में मात्रा और मूल्यानुसार क्रमशः 92 प्रतिशत और 13 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
लेखक-पंकज पाण्डेय
संबंधित लिंक…
https://www.deccanherald.com/rbi-moots-ombudsman-scheme-706570.html
https://rbi.org.in/Scripts/AnnualReportPublications.aspx?Id=1236