प्रश्न-हाल ही में रिजर्व बैंक द्वारा राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेंच दी गई-
(a) 1450 करोड़ रुपये में
(b) 1560 करोड़ रुपये में
(c) 1700 करोड़ रुपये में
(d) 1900 करोड़ रुपये में
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
(a) 1450 करोड़ रुपये में
(b) 1560 करोड़ रुपये में
(c) 1700 करोड़ रुपये में
(d) 1900 करोड़ रुपये में
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- 24 अप्रैल, 2019 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने राष्ट्रीय आवास बैंक और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) में अपनी पूरी हिस्सेदारी सरकार को बेंच दिए जाने की घोषणा की।
- घोषणानुसार, 19 मार्च को राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) एवं 26 फरवरी को नाबार्ड की हिस्सेदारी का विक्रय किया गया।
- NHB में 1450 करोड़ रुपये में संपूर्ण हिस्सेदारी की तथा नाबार्ड में 20 करोड़ रुपये में संपूर्ण हिस्सेदारी का विक्रय किया गया।
- इस विनिवेश के साथ, सरकार अब इन दोनों वित्तीय संस्थानों में 100 प्रतिशत की हिस्सेदारी हो गई है।
- कारण
- हिस्सेदारी विक्रय का निर्णय ‘नरसिंहन समिति’ की रिपोर्ट (2001) में की गई सिफारिश के अनुरूप लिया गया है।
- जिसमें नियामकीय (Regulatory) संस्थानों की एक दूसरे में शेयरधारिता को समाप्त करने की सिफारिश की गई है।
- ध्यातव्य है कि रिजर्व बैंक ने अपने स्तर पर भी इस संबंध में एक परिचर्चा-पत्र जारी किया था।
- नरसिंहन समिति ने कहा था कि, रिजर्व बैंक को उन संस्थानों में हिस्सेदारी नहीं रखनी चाहिए जिनका वह नियमन करता है।
- पूर्व स्थिति/पूर्व विनिवेश
- RBI के पास नाबार्ड में 72.5 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
- इसमें से 71.5 प्रतिशत हिस्सेदारी को अक्टूबर, 2010 में ही सरकार को बेंच दिया गया था।
- जबकि शेष बची हिस्सेदारी को 26 फरवरी, 2019 को सरकार को बेंचा गया।
- राष्ट्रीय आवास बैंक में पूरी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी RBI के पास थी, जिसे 19 मार्च, 2019 को बेंचा गया।
लेखक-पंकज पांडेय
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