MSMEके लिए RBI के दिशा-निर्देश

प्रश्न-MSME में फंसे हुए लोन, NPA (गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों) की श्रेणी में नहीं आएंगे?
(a) मई, 2020 तक
(b) जुलाई, 2020 तक
(c) अप्रैल, 2021 तक
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • 20 सितंबर, 2019 को वित्त मंत्रालय के द्वारा सार्वजनिक बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा की गई।
  • जिसमें वित्त मंत्रालय द्वारा RBI के दिशा-निर्देशों के दृष्टिगत बैंकों से MSME क्षेत्र में NPA से संबंधित घोषणा में संयम बरतने का निर्देश दिया गया।
  • ध्यातव्य है कि RBI के दिशा-निर्देशों के अनुसार, MSME में फंसे हुए कर्ज को 31 मार्च, 2020 तक ‘NPA’ नहीं घोषित किया जा सकेगा।
  • NPA (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति)
  • NPA, वित्तीय संस्थानों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला एक वर्गीकरण है, जिसका सीधा संबंध कर्ज चुकाने से होता है।
  • जब ऋण लेने वाला व्यक्ति 90 दिनों तक ब्याज या मूलधन का भुगतान करने में विफल रहता है तो उसका दिया गया ऋण/कर्ज गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) माना जाता है।
  • MSME (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम)
  • MSME से संबंधित हालिया घोषणा ऐसे MSMEs के लिए है, जो अभी कार्यशील हैं लेकिन बैंकों के लोन जोखिमग्रस्त हैं।
  • ऐसे MSMEs की दशा सुधारने के लिए उन्हें और वित्त उपलब्ध कराने की योजना है।
  • RBI के दिशा-निर्देशों के तहत मार्च 2020 तक MSME के लोन पुनर्गठन की प्रक्रिया चल सकती है और इसी कारण MSME के लोन को NPA न घोषित करने की अपील की गई है।
  • सभी जीएसटी पंजीकृत MSMEs के लिए 1 करोड़ रुपये तक के वृद्धिशील क्रेडिट के संबंध में दो प्रतिशत की ब्याज सहायता भी प्रदान की जा रही है।
  • यह योजना 975 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ दो वित्तीय वर्षों यथा 2018-19 एवं 2019-20 की अवधि के लिए प्रचालन में रहेगी।

लेखक-पंकज पाण्डेय

संबंधित लिंक भी देखें…
https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1585658