प्रश्न-3 जनवरी, 2021 को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने स्वदेश निर्मित कोविड-19 टीकों के सीमित आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दी। इससे संबंधित निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
(i) केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने मैसर्स सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के ‘कोविशील्ड’ और मैसर्स भारत बायोटेक के ‘कोवैक्सीन’ कोविड-19 वायरस के टीके के सीमित आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दी।
(ii) सीडीएससीओ की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा के आधार पर भारत के औषध महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने यह मंजूरी प्रदान की।
(iii) भारत बायोटेक ने आईसीएमआर के साथ मिलकर ‘कोवैक्सीन’ का विकास किया है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल (i) एवं (ii)
(b) केवल (ii) एवं (iii)
(c) केवल (iii)
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
- 3 जनवरी, 2021 को देश के औषधि नियामक केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने स्वदेश निर्मित कोविड-19 टीकों के सीमित आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दी।
- सीडीएससीओ की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा के आधार पर भारत के औषध महानियंत्रक (DCGI) ने यह मंजूरी प्रदान की।
- वर्तमान में भारत के औषध महानियंत्रक (DCGI) डॉ. वी.जी. सोमानी हैं।
- सीडीएससीओ की विषय विशेषज्ञ समिति की बैठक 1-2 जनवरी, 2021 को हुई थी।
- विषय विशेषज्ञ समिति में पल्मोनोलॉजी, इम्युनोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, फॉर्माकोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, इंटरनल मेडिसिन आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं।
- विषय विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा के बाद सीडीएससीओ ने मैसर्स सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के ‘कोविशील्ड’ और मैसर्स भारत बायोटेक के ‘कोवैक्सीन’ (कोविड-19 वायरस के टीके) के सीमित आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दी।
- मैसर्स सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे ने एस्ट्राजेनेका/ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से तकनीकी हस्तांतरण के साथ ‘कोविशील्ड’ का निर्माण किया है।
- मैसर्स भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर ‘कोवैक्सीन’ का विकास किया है।
- इसके साथ ही डीसीजीआई ने कैडिला हेल्थकेयर को भी उसके संभावित टीके के तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण के लिए अनुमति प्रदान की।
लेखक-विवेक कुमार त्रिपाठी
संबंधित लिंक भी देखें…
https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1685761