प्रश्न-हाल ही में भारत ने सिंधु जल समझौते के तहत पाकिस्तान को दिए जा रहे किन नदियों के पानी को रोकने का फैसला किया है?
(a) झेलम और सिंधु
(b) झेलम, चेनाब और सिंधु
(c) रावी, सतलज और चेनाब
(d) रावी, सतलज और व्यास
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
- पुलवामा (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकवादी हमले के पश्चात 21 Òरवरी 2019 को भारत ने सिंधु जल समझौते के तहत पाकिस्तान को दिए जा रहे रावी, सतलज और व्यास नदियों के पानी को रोकने का फैसला लिया है।
- इन तीनों नदियों के अपने हिस्से का पानी अब जम्मू-कश्मीर और पंजाब में प्रवाहित किया जाएगा, जिसके लिए सरकार ने तीन बांध बनाने की स्वीकृति प्रदान की है।
- प्रथम बांध रावी नदी पर शाहपुर खंडी में बनाया जाएगा, जिससे जम्मू और कश्मीर तथा पंजाब की सिंचाई हेतु जल एवं विद्युत का उत्पादन किया जाएगा।
- द्वितीय- उझ नदी पर उझ बहुउद्देशीय परियोजना के माध्यम से जल का भंडारण किया जाएगा तथा जम्मू कश्मीर के कठुआ, हीरानगर और सांभा जिलों में सिचाई हेतु जल उपलब्ध कराया जाएगा।
- तृतीय-रावी-व्यास लिंक परियोजना के माध्यम से रावी नदी से पाकिस्तान की ओर जाने वाले अतिरिक्त पानी को रोका जाएगा।
- उपर्युक्त तीनों परियोजनाओं के पूर्ण होने पर भारत सिंधु जलसंधि-1960 के तहत मिले पानी के हिस्से का पूरा इस्तेमाल कर सकेगा।
- उल्लेखनीय है कि सिंधु जल समझौता 19 सितंबर, 1960 को तत्कालिक भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खॉन के बीच हुआ था।
- इस संधि के तहत सिंधु नदी की सहायक नदियों को दो भागों में बाटा गया, प्रथम-पूर्वी भाग तथा द्वितीय पश्चिमी भाग।
- पूर्वी भाग में जो नदियां बहती है वे सतलज, रावी और व्यास है। इन नदियों के जल का 33 एम.ए.एफ. (Million acre feet) उपयोग कर सकता है।
- जबकि पश्चिमी भाग की नदियां- सिंध, चेनाब और झेलम के जल का 80 प्रतिशत उपयोग पाकिस्तान कर सकता है।
लेखक-गजेन्द्र प्रताप
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