सागरमाला राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना जारी

Sagarmala National Perspective Plan Released

प्रश्न-हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामुद्रिक भारत सम्मेलन, 2016 में ‘सागरमाला’ कार्यक्रम पर राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना जारी की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य है-
(a) बंदरगाहों का विकास
(b) राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास
(c) राष्ट्रीय राजमार्गों को बंदरगाहों से जोड़ना
(d) सामुद्रिक आर्थिक क्षेत्रों का विकास
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 14 अप्रैल, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सामुद्रिक भारत सम्मेलन (MIS)-2016’ के शुभारंभ के अवसर पर सागरमाला राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (Sagarmala National Perspective Plan) जारी की।
  • ‘राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना’ में ‘सागरमाला’ कार्यक्रम की रूपरेखा का ब्योरा दिया गया है।
  • ‘सागरमाला’ सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम (Flagship Program) है जिसका उद्देश्य देश में बंदरगाहों की अगुवाई में विकास की गति तेज करना है।
  • ‘राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना’ केंद्र एवं राज्य सरकारों के अहम हितधारकों और पोत, बंदरगाह, जहाज निर्माण, विद्युत, सीमेंट एवं इस्पात क्षेत्रों की सार्वजनिक और निजी कंपनियों के साथ व्यापक सलाह-मशविरा करने के बाद तैयार की गई।
  • यह न्यूनतम निवेश के साथ निर्यात-आयात एवं घरेलू व्यापार की लागत काफी हद तक कम करने संबंधी सागरमाला के विजन को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम है।
  • रिपोर्ट में अनुमान व्यक्त किया गया है कि इस कार्यक्रम से लॉजिस्टिक्स लागत में लगभग 35,000 करोड़ रुपये की वार्षिक बचत संभव हो सकती है।
  • इसके साथ ही वर्ष 2025 तक भारत के व्यापारिक निर्यात के बढ़कर 110 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच जाने की संभावना है।
  • यही नहीं, लगभग 1 करोड़ नए रोजगार सृजित होने का अनुमान है, जिनमें से 40 लाख प्रत्यक्ष रोजगार होंगे।
  • लगभग 7,500 किमी. की समुद्री तटरेखा के साथ तथा 13 राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में फैले, भारत को प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मार्गों पर एक रणनीतिक स्थान प्राप्त है।
  • यह योजना निम्न चार रणनीतिक पहलुओं पर आधारित है-
    (i) घरेलू कार्गो की लागत घटाने के लिए मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट का अनुकूलन करना।
    (ii) निर्यात-आयात कार्गो लॉजिस्टिक्स में लगने वाले समय एवं लागत को कम करना।
    (iii) बल्क उद्योगों को लागत के और करीब स्थापित कर लागत को घटाना।
    (iv) बंदरगाहों के पास पृथक विनिर्माण क्लस्टरों की स्थापना कर निर्यात के मामले में प्रतिस्पर्धी क्षमता बेहतर करना।
  • सागरमाला का लक्ष्य चार व्यापक क्षेत्रों में 150 से भी ज्यादा परियोजनाओं और पहलों के जरिए आवश्यक सकारात्मक असर सुनिश्चित करना है।
  • भारत के बंदरगाह ढांचे के आधुनिकीरण के लिए 5-6 नए बंदरगाह बनाने का प्रस्ताव किया गया है।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=138881
http://pibphoto.nic.in/documents/rlink/2016/apr/p201641402.pdf