संसदीय समिति की रिपोर्ट

Parliamentary committee to Western Ghats

प्रश्न-जनवरी, 2019 में राज्य सभा समिति ने किस घाट को पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र के संबंध में सूक्ष्मता से अध्ययन किया?
(a) पश्चिमी घाट
(b) पूर्वी घाट
(c) दक्षिण-पश्चिम घाट
(d) उत्तर-पूर्व घाट
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • जनवरी, 2019 में राज्य सभा समिति ने पश्चिमी घाट को पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र (Ecologically Sensitive Area: ESA) का सूक्ष्मता से अध्ययन किया।
  • इस संसदीय समिति ने ईएसए के नेतृत्व में पश्चिम घाटों के वर्गीकरण के संदर्भ में दो समितियों (के. कस्तूरीरंगन और माधव गाडविल) के सिफारिशों की जांच पर अपनी रिपोर्ट दी है।
  • इस समिति ने विभिन्न राज्य सरकारों और अन्य संगठनों के साथ विचार-विमर्श के दौरान 62 आश्वासनों की जांच की और अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले पुणे, मुंबई, चेन्नई और बंगलुरू का दौरा किया था।
  • इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि राज्य सरकारों की ‘असंवेदनशीलता’ के कारण पश्चिमी घाट को पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र (ESA) के रूप में प्रमुखता नहीं दी है।
  • इस समिति के अनुसार, पश्चिमी घटों में लगभग 56,000 किलोमीटर से अधिक संवेदनशील क्षेत्रों को राज्य सरकारों को ‘असंवेदनशीलता’ के कारण ‘नो-गो’ क्षेत्र के रूप में चिह्नित नहीं किया जा सकता है।
  • हाल ही में केरल और कर्नाटक के कुछ भागों में आए मानसूनी वर्षा से उत्पन्न बाढ़ के बाद गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल तथा तमिलनाडु के राज्यों द्वारा संवेदनशील क्षेत्रों पर ध्यान न देने के कारण इन राज्यों पर खतरे की आशंका बढ़ गई है।
  • उल्लेखनीय है कि पश्चिमी घाट (सह्याद्रि) महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु राज्य में विस्तृत है। इसकी लंबाई लगभग 1600 किलोमीटर है।

लेखक-रमेश चन्द

संबंधित लिंक भी देखें…
https://www.thehindu.com/news/national/parliamentary-panel-flags-neglect-of-western-ghats/article25884971.ece
https://www.thehindu.com/news/states/parliamentary-committee-irked-by-states-insensitivity-to-western-ghats/article25884232.ece