प्रश्न-निम्नलिखित में से किस संस्थान से संबद्ध अनुसंधानकर्ताओं ने विशेष गुणों से युक्त सेमी-डिराक धातुओं (Semi-Diracmetals) की खोज की है?
(a) आई.आई.टी. खड़गपुर
(b) आई.आई.टी. बॉम्बे
(c) आई.आई.एस.सी.
(d) टी.आई.एफ.आर.
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
(a) आई.आई.टी. खड़गपुर
(b) आई.आई.टी. बॉम्बे
(c) आई.आई.एस.सी.
(d) टी.आई.एफ.आर.
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
- अक्टूबर, 2019 में प्रकाशित अनुसंधान अध्ययन के अनुसार, आई.आई.टी. बॉम्बे के अनुसंधानकर्ताओं ने विशेष गुणों से युक्त पदार्थों के एक वर्ग सेमी-डिराक धातुओं (Semi-Dirac Metals) की खोज की है।
- आई.आई.टी. से संबद्ध प्रोफेसर भास्करन मुरलीधरन एवं डॉ. एलेस्टिन मावरी (Dr. Alestin Mawrie) ने इन विशिष्ट प्रकार के द्विविमीय (Two-Dimensional) पदार्थों को खोजा है।
- ये सेमी-डिराक पदार्थ (Semi-Dirac Material) टाइटेनियम डाइऑक्साइड (TiO2) तथा वेनेडियम ऑक्साइड (V2O3) हैं।
- यह अध्ययन जर्नल, फिजिकल रिव्यू बी (Physical Review-B) प्रकाशित किया गया है।
- अनुसंधानकर्ताओं द्वारा यह सिद्ध किया गया है कि ये पदार्थ एक निश्चित आवृत्ति वाले तथा ध्रुवित प्रकाश के लिए एक निश्चित दिशा में पारदर्शी की तरह व्यवहार करते हैं।
- इनके सैद्धांतिक अध्ययन से स्पष्ट हुआ है कि सेमी-डिराक पदार्थों (Semi-Dirac Materials) को प्रकाशित फिल्टर तथा सक्षम थर्मोइलेक्ट्रिक युक्ति के रूप में प्रयुक्त किया जा सकता है।
- सेमी-डिराक (Semi-Dirac) धातुओं की यह विशेषता होती है कि यह एक दिशा में डिराक धातु की तरह तथा इसके लंबवत दिशा में सामान्य धातु की तरह व्यवहार करते हैं।
लेखक-राजेश त्रिपाठी
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