वर्षांत समीक्षा-2015 जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय

Year End Review- Ministry of Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation

प्रश्न-केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत ‘एकीकृत गंगा संरक्षण कार्यक्रम’ है-
(a) नामामि गंगे
(b) जय गंगे
(c) निर्मल गंगा
(d) गंगा रक्षा
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 22 दिसंबर, 2015 को जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा वर्षांत समीक्षा-2015 जारी की गयी।
  • मंत्रालय द्वारा विगत एक वर्ष के दौरान प्रारंभ की गई प्रमुख पहल एवं कार्यक्रम निम्नलिखित हैं-
    जल प्रदूषण में कमी लाने हेतु
  • कैबिनेट द्वारा 20 हजार करोड़ रुपये की एकीकृत गंगा संरक्षण कार्यक्रम ‘नमामि गंगे’ को स्वीकृति प्रदान किया गया है।
  • नमामि गंगे का क्रियान्वयन वर्ष 2020 तक लागू किया जाएगा।
  • रक्षा मंत्रालय द्वारा पूर्व सैन्य कर्मियों की प्रादेशिक सेना के तहत ‘गंगा टास्क फोर्स’ की चार बटालियन बनाने की स्वीकृति दी गई है।
  • इंडो-जर्मन एनुअल निगोशिएशंस 2014 के दौरान जर्मनी द्वारा गंगा के कायाकल्प हेतु 3 मिलियन यूरो की सहायता देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है।
  • 858 एमएलडी की शोधन क्षमता और 3623.10 किमी. का सीवर नेटवर्क विकसित करने हेतु 7350.38 करोड़ रुपये की 93 परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की गई है।
    नदी विकास
  • मंत्रालय द्वारा ‘केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट’ को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया है।
  • बुरही-गंडक-नून-बया-गंगा लिंग प्रोजेक्ट और कोसी-मेची लिंक प्रोजेक्ट (दोनों बिहार) की डीपीआर को पूरा कर लिया गया है।
  • ईएफसी ने नदी विकास और जल सूचना प्रबंधन के लिए 3680 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की है।
    जल संसाधन
  • गोदावरी नदी पर पोलावरम परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में विकसित किया जा रहा है।
  • इस परियोजना से पूर्वी गोदावरी, पश्चिमी गोदावरी, विशाखात्तनम और कृष्णा जिलों में सालाना 4.36 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी।
  • 2100 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से ‘बांध पुनरुद्धार और सुधार परियोजना’ (DRIP) का विश्व बैंक की सहायता से क्रियान्वयन किया जा रहा है।
  • इस परियोजना के लिए पांच राज्यों में पुनरुद्धार हेतु 233 बांधों की पहचान की गई है।
  • सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से जल के उचित उपयोग के लिए ‘नेशनल एक्विफायर मैनेजमेंट’ परियोजना प्रारंभ की गई है।
  • मार्च, 2015 में लखनऊ में ‘गंगा फ्लड कंट्रोल कमीशन’ का एक क्षेत्रीय कार्यालय खोला गया।
  • 5 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता विकसित करने हेतु एआईबीपी के तहत 26 बड़ी और मझोली परियोजनाओं के लिए 2610 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है।
  • सीएडीडब्ल्यूएम के तहत 1.5 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता विकसित करने हेतु 50 परियोजनाओं के लिए 200 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है।
  • प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के दायरे में कमांड एरिया विकास और जल प्रबंधन, रिपेयर, रिनोवेशन एवं रिस्टोरेशन, नहर सिंचाई योजना और भूमिगत जल आएंगे।
  • इस योजना से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले शोधित जल को सिंचाई में उपयोग किया जाएगा और ‘हर खेत को पानी’ को लागू किया जाएगा।
  • केंद्रीय जल आयोग द्वारा इसरो के सहयोग से जीआईएस प्लेटफार्म पर एक वेब आधारित ‘वाटर रिसोर्सेज इन्फार्मेशन सिस्टम’ तैयार किया गया है।
  • सेंट्रल वाटर कमीशन के फ्लड फोरकास्टिंग नेटवर्क का आधुनिकीकरण एवं विस्तार।
  • ब्रह्मपुत्र बोर्ड के पुनर्गठन के द्वारा ‘पूर्वोत्तर ब्रह्मपुत्र नदी कायाकल्प प्राधिकरण’ की स्थापना।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=133708
http://pib.nic.in/newsite/PrintHindiRelease.aspx?relid=43805