वर्षांत समीक्षा-2015:इस्पात मंत्रालय

Major Initiatives and Achievements of Steel Ministry

प्रश्न-वर्तमान समय में कच्चे इस्पात के निर्माण में भारत का विश्व में स्थान है-
(a) तीसरा
(b) दूसरा
(c) पहला
(d) चौथा
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 16 दिसंबर, 2015 को इस्पात मंत्रालय द्वारा ‘वर्षांत समीक्षा-2015’ जारी किया गया।
  • 1 अप्रैल, 2015 को सेल (SAIL) के राउरकेला इस्पात संयंत्र की क्षमता का विस्तार किया गया। विस्तार के फलस्वरूप कच्चे इस्पात की क्षमता में लगभग 2.5 लाख टन की वृद्धि हुई।
  • राष्ट्रीय महत्व की अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों हेतु इस्पात मंत्रालय के सहयोग से दो सौ करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि से ‘भारतीय इस्पात अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी मिशन’ की स्थापना की गयी। 6 अप्रैल, 2015 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
  • भारत वर्तमान में विश्व में कच्चे इस्पात का तीसरा बड़ा निर्माता है।
  • भारत का स्पंज आयरन के उत्पादन में विश्व में प्रथम स्थान है।
  • इस्पात क्षेत्र का देश की जीडीपी में लगभग 2% का योगदान और इसमें 6 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त है।
  • भारत में पूर्णतया परिष्कृत उत्पाद की प्रतिव्यक्ति खपत वर्ष 2014-15 में 60.8 किग्रा. रही जबकि 2010-11 में 54.9 किग्रा थी।
  • वर्ष 2014-15 में भारत की कच्चे इस्पात की उत्पादन क्षमता 109.85 लाख टन प्रतिवर्ष हो गयी जबकि 2010-11 में 80.36 लाख टन प्रतिवर्ष थी।
  • वर्ष 2014-15 में भारत में इस्पात का उत्पादन 88.98 लाख टन प्रतिवर्ष हो गया जबकि वर्ष 2010-11 में 70.76 लाख टन प्रतिवर्ष था।
    कच्चे इस्पात के उत्पादन में 6.2% वार्षिक वृद्धि हुई।
  • वर्ष 2014-15 में बिक्री हेतु पूर्णतया परिष्कृत इस्पात (धातु + गैर धातु) का उत्पादन औसत 8.7% वार्षिक वृद्धि के साथ 92.16 लाख टन रहा जबकि 2010-11 में यह 68.62 लाख टन था।
  • पूर्णतया परिष्कृत इस्पात (धातु+गैर-धातु) की वास्तविक खपत में विगत पांच वर्षों में 5.3% की वृद्धि हुई।
  • वर्ष 2014-15 में पूर्णतया परिष्कृत इस्पात (धातु + गैर धातु) घरेलू खपत 76.99 लाख टन थी।
  • वर्ष 2014-15 में पूर्णतया परिष्कृत इस्पात (धातु + गैर धातु) का निर्यात 5.59 लाख टन था और आयात 9.32 लाख टन था।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=133420
http://pib.nic.in/newsite/PrintHindiRelease.aspx?relid=43727