प्रश्न-राष्ट्रीय लघु बचत निधि (NSSF) का गठन किया गया-
(a) 1 अप्रैल, 1999 से प्रभावी भारत के लोक लेखा में
(b) 1 अप्रैल, 2000 से प्रभावी भारत के लोक लेखा में
(c) 1 अप्रैल, 1998 से प्रभावी भारत के लोक लेखा में
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
(a) 1 अप्रैल, 1999 से प्रभावी भारत के लोक लेखा में
(b) 1 अप्रैल, 2000 से प्रभावी भारत के लोक लेखा में
(c) 1 अप्रैल, 1998 से प्रभावी भारत के लोक लेखा में
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- भारत के वित्त मंत्रालय ने 1 अप्रैल, 2019 से शुरू होने वाले तीन महीने की लघु बचत योजनाओं पर ब्याज को अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है।
- इस निर्णय में डाकघर बचत खाता, पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट्स, राष्ट्रीय बचत प्रमाण-पत्र (NSC), लोक भविष्य निधि, किसान विकास-पत्र और सुख समृद्धि जैसी छोटी योजनाएं शामिल हैं।
- आमतौर पर कोई भी डाकघरों के माध्यम से इन योजनाओं से लाभान्वित हो सकता है, हालांकि PPF (लोक भविष्य निधि) खाता जैसी सुविधा कई बैंक भी प्रदान करते हैं।
- प्रभाव
- अपरिवर्तित ब्याज दर के कारण NSC (5 वर्ष) और PPF (15 वर्ष) पर 8 प्रतिशत ब्याज मिलता रहेगा।
- जबकि किसान विकास-पत्र में जमा धन नौ वर्षों में दोगुना हो जाएगा।
- पृष्ठभूमि
- श्यामला गोपीनाथ पैनल की सिफारिशों के आधार पर, हर तिमाही के अंत से पहले इन योजनाओं पर ब्याज दरों की समीक्षा की जाती है। तद्नुसार, अगली तिमाही के लिए नई दरों की घोषणा की जाती है।
- अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- 1 अप्रैल, 1999 से प्रभावी भारत के लोक लेखा में ‘राष्ट्रीय लघु बचत निधि’ (NSSF) का गठन किया गया।
- इसका उद्देश्य केंद्र सरकार की सभी लघु बचत योजनाओं के तहत होने वाले मौद्रिक लेन-देन का एक ही स्थान पर हिसाब-किताब रखना है।
- 31 मार्च, 2017 के आंकड़ों के अनुसार, डाकघर बचत बैंक में 35.62 करोड़ से अधिक खाताधारक थे।
- 31 मार्च, 2017 तक डाकघरों में राष्ट्रीय बचत योजना और बचत प्रमाण-पत्र के अंतर्गत 7,29,394 करोड़ रुपये की धनराशि बकाया थी।
लेखक-पंकज पांडेय
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