प्रश्न-जुलाई, 2019 में किस संस्थान द्वारा लकवाग्रस्त मरीजों के लिए रोबोटिक हाथ का विकास किया है?
(a) ITI मद्रास
(b) IIT कानपुर
(c) IISC बेंगलुरू
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
(a) ITI मद्रास
(b) IIT कानपुर
(c) IISC बेंगलुरू
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
- आई.आई.टी. कानपुर के वैज्ञानिकों द्वारा जुलाई, 2019 में लकवाग्रस्त मरीजों के लिए रोबोटिक हाथ का विकास किया गया है।
- इस उपलब्धि को संस्थान के प्रोफेसर आशीष दत्त व प्रोफेसर के.एस. वेंकटेश द्वारा प्राप्त किया गया।
- इस प्रक्रिया में तरीज के हाथ पर एम्सोस्केलटन (बाह्य कंकाल) का प्रयोग किया जाता है।
- यह एम्सोस्केलटन मरीज के मस्तिष्क पर पहने गये मस्तिष्क-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) की मदद से मस्तिष्क संकेतों को प्राप्त कर क्रिया करता है।
- इसमें 300 मेगाहर्ट्ज के एक माइक्रोकंट्रोलर का उपयोग किया जाता है, जिसमें ऊर्जा की आपूर्ति एक बैटरी के माध्यम से की जाती है।
- इसकी कीमत 15000 रुपये के आस-पास आंकी गयी है।
- इस एम्सोस्केलटन के विकास के लिए IIT कानपुर के वैज्ञानिकों ने यू.के. स्थित अल्सटर (Ulster) यूनिवर्सिटी व उसके प्रोफेसर गिरिजेश प्रसाद के साथ भागीदारी की है।
- मानव हाथों के समर्थन व पुनर्वास के लिए एक एक्सोस्केलटन रोबोट का डिजाइन व विकास 55 लाख रुपये की MHRD व ब्रिटिश काउंसिल (यू.के.) की एक संयुक्त परियोजना है, जिसे 2018 में मंजूरी दी गई थी।
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