राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2017

National Bravery Awards – 2017

प्रश्न-18 जनवरी, 2018 को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2017 की घोषणा की गई। निम्न में से किसे प्रतिष्ठित ‘भारत पुरस्कार’ के लिए चुना गया है?
(a) तर्ह पीजू
(b) नाजिया
(c) तेजस्विता प्रधान
(d) तुषार वर्मा
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य

  • 18 जनवरी, 2018 को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2017 की घोषणा की गई।
  • 7 लड़कियों समेत 18 बच्चों का चयन राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए किया गया है।
  • इनमें से 3 बच्चों को यह पुरस्कार मरणोपरांत प्रदान किया जाएगा।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जनवरी, 2018 को इन बच्चों को पुरस्कार प्रदान करेंगे।
  • इस वर्ष का प्रतिष्ठित भारत पुरस्कार उत्तर प्रदेश की 18 वर्षीय कुमारी नाजिया को दिया जाएगा।
  • नाजिया ने अपने घर के आस-पास दशकों से चल रहे अवैध जुए और सट्टेबाजी के खिलाफ आवाज उठाई।
  • प्रतिष्ठित गीता चोपड़ा पुरस्कार कर्नाटक की 14 वर्षीय कुमारी नेत्रावती एम. चव्हाण को दिया जाएगा।
  • इस बहादुर लड़की ने दो लड़कों को डूबने से बचाने के लिए अपनी जान दे दी।
  • संजय चोपड़ा पुरस्कार पंजाब के 17.5 वर्षीय मास्टर करनबीर सिंह को दिया जाएगा।
  • इन्होंने अपने निरंतर प्रयास और असीमित साहस से कई बहुमूल्य जीवनों की रक्षा की।
  • मेघालय के मास्टर बेटश्वाजॉन पीनलांग (Betshwajohn peinlang), ओडिशा की ममता दलाई और केरल के मास्टर सेबस्टियन विनसेंट को बापू गैधानी पुरस्कार दिया जाएगा।
  • बेट्श्वाजॉन ने बहादुरी से अपने भाई को जिंदा जलने से बचाया। ममता दलाई ने अपनी दोस्त को एक मगरमच्छ के जबड़े से बाहर निकाला। सेबस्टियन ने रेल पटरी पर एक दुर्घटना से अपने दोस्त को बचाया।
  • पुरस्कार प्राप्त करने वाले अन्य बच्चे हैं-कुमारी लक्ष्मी यादव (छत्तीसगढ़), कुमारी मनशा एन, मास्टर एन.शेनपॉन, मास्टर योकनेई, मॉस्टर चिंगई वांग्सा (सभी नागालैंड से), समृद्धि सुशील शर्मा (गुजरात), मास्टर जोनुनतुआंगा, स्व. मास्टर एफ. ललछंदामा (दोनों मिजोरम से), मास्टर पंकज सेमवाल (उत्तराखंड), मास्टर नदाफ इजाज अब्दुल रॉफ (महाराष्ट्र), स्व. कुमारी लोकराकपम राजेश्वरी चानु (मणिपुर) और मास्टर पंकज कुमार महंत (ओडिशा)।
  • ज्ञातव्य है कि भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार की शुरूआत वर्ष 1957 में हुई थी।
  • भारतीय बाल कल्याण परिषद ने वर्ष 1987-88 से असाधारण मेधा व बहादुरी के लिए ‘भारत पुरस्कार’ की शुरूआत की।
  • दूसरे विशेष पुरस्कारों गीता चोपड़ा और संजय चोपड़ा पुरस्कार को वर्ष 1978 में शामिल किया गया था।
  • जबकि 1988-89 में बापू गैधानी पुरस्कारों की शुरूआत की गई।
  • गौरतलब है कि वर्ष 1957 से अब तक 963 बहादुर बच्चों को ये पुरस्कार दिए गए हैं जिनमें 680 लड़के और 283 लड़कियां हैं।

संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=175724