मोटर यान (संशोधन) विधेयक, 2019

Rajya Sabha passes Motor Vehicles (Amendment) Bill 2019
प्रश्न-31 जुलाई, 2019 को राज्य सभा ने मोटर यान (संशोधन) विधेयक, 2019 को पारित किया। इससे संबंधित निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
(i) यह विधेयक मोटर यान अधिनियम, 1988 में संशोधन का प्रस्ताव करता है।
(ii) विधेयक में केंद्र सरकार द्वारा ‘गोल्डन आवर’ के दौरान सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों का कैशलेस उपचार करने की एक योजना विकसित करने का प्रस्ताव है।
(iii) विधेयक में केंद्र सरकार द्वारा ‘मोटर दुर्घटना कोष बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही हैं-

(a) केवल (ii)
(b) केवल (iii)
(c) केवल (i)
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
  • 31 जुलाई, 2019 को ‘मोटर यान (संशोधन) विधेयक, 2019 राज्यसभा में पारित हुआ।
  • यह विधेयक सड़क सुरक्षा प्रदान करने के लिए मोटर यान अधिनियम, 1988 में संशोधन का प्रस्ताव रखता है।
  • विधेयक में केंद्र सरकार द्वारा ‘गोल्डन आवर’ के दौरान सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों का कैशलेस उपचार करने की एक योजना विकसित करने का प्रस्ताव है।
  • ‘गोल्डन आवर’ घातक चोट के बाद की एक घंटे की समयावधि होती है जब तुरंत मेडिकल देखभाल से पीड़ित को मौत से बचाया जा सकता है।
  • केंद्र सरकार थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के अंतर्गत मुआवजे का दावा करने वालों को अंतरिम राहत देने के लिए एक योजना भी बना सकती है।
  • विधेयक ‘हिट एंड रन’ मामलों में न्यूनतम मुआवजे को इस प्रकार बढ़ाता है :

        (i)  मृत्यु की स्थिति में 25,000 से बढ़ाकर 2 लाख रुपये, और

        (ii) गंभीर चोट की स्थिति में 12,500 से बढ़ाकर 50,000 रुपये।

  • विधेयक में केंद्र सरकार द्वारा सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के लिए मोटर यान दुर्घटना कोष बनाने की अपेक्षा की गई है।
  • यह कोष भारत में सड़क का प्रयोग करने वाले सभी लोगों को अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करेगा।
  • इसे निम्नलिखित स्थितियों के लिए उपयोग किया जायेगा :-

        (i)    गोल्डन आवर योजना के अंतर्गत सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों का उपचार,

        (ii) हिट एंड रन मामलों में मौत का शिकार होने वाले लोगों के प्रतिनिधियों को मुआवजा देना।

  • विधेयक के अुनसार, ‘गुड समैरिटन’ (नेक व्यक्ति) वह व्यक्ति है, जो दुर्घटना के समय पीड़ित को आपात कालीन मेडिकल या नॉन मेडिकल मदद देता है।
  • यह विधेयक केंद्र सरकार को ऐसे मोटर वाहनों को रीकॉल (वापस  लेने) करने का आदेश देने की अनुमति देता है। जिसमें कोई ऐसी खराबी है जो कि पर्यावरण या ड्राइवर या सड़क का प्रयोग करने वालों को नुकसान पहुंचा सकती है।
  • ऐसी स्थिति में विनिर्माता को-

   (i)    खरीददार को वाहन की पूरी कीमत लौटानी होगी, या

   (ii)   खराब वाहन को दूसरे वाहन से जो कि समान या बेहतर विशेषताओं वाला हो, बदलना होगा।

  • विधेयक के अनुसार, केंद्र सरकार राज्य सरकारों की सलाह से राष्ट्रीय परिवहन नीति बना सकती है।
  • विधेयक में एक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड का प्रावधान है जिसे केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचना के जरिए बनाया जाएगा।
  • यह बोर्ड सड़क सुरक्षा एवं यातायात प्रबंधन के सभी पहलुओं पर केंद्र और राज्य सरकारों को सलाह देगा।
  • विधेयक में फर्जी वाहन लाइसेंस से बचने के लिए ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस के साथ आवश्यक ऑनलाइन पहचान चालक परीक्षण का प्रावधान किया गया है।
  • बीमा राहत राशि को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया।
  • विधेयक में दावा प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
  • विधेयक में मोटर यान अधिनियम, 1988 के तहत विभिन्न अपराधों के लिए दंड को बढ़ाया गया है, जो इस प्रकार हैं-

   (i)    शराब या ड्रग्स के नशे में वाहन चलाने के लिए अधिकतम दंड 2 हजार रुपये से बढ़कर 10 हजार रुपये कर दिया गया है।

   (ii)   यदि मोटर वाहन विनिर्माता मोटर वाहनों के निर्माण या रखरखाव के मानदंडों का अनुपालन करने में असफल रहता है तो अधिकतम 100 करोड़ रुपये तक का जुर्माना या 1 वर्ष तक का कारावास या दोनों दिए जा सकते हैं।

   (iii)  अगर कॉन्ट्रैक्टर सड़क के डिजाइन के मानदंडों का अनुपालन नहीं करता तो उसे 1 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

   (iv) तेज गति से गाड़ी चलाने पर जुर्माना 500 से बढ़ाकर 5000 रुपये कर दिया गया है।

   (v)   ड्राइविंग के समय मोबाइल फोन पर बात करने पर जुर्माना 1000 रुपये की जगह 5000 रुपये किया गया।

   (vi)  मोटर यान बिना लाइसेंस के चलाने पर जुर्माना 500 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये कर दिया गया है।

   (vii) सीट बेल्ट और हेलमेट न पहनने पर जुर्माना 100 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया गया है।

   (viii)गाड़ी बिना इंश्योरेंस के चलाने पर जुर्माना 1000 रुपये बढ़ाकर 2000 रुपये कर दिया गया है।

   (ix)  खतरनाक ड्राइविंग हेतु जुर्माना 1000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये किया गया।

लेखक-विवेक कुमार त्रिपाठी

संबंधित लिंक भी देखें…

http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=192424

http://www.prsindia.org/billtrack/motor-vehicles-amendment-bill-2019