मृदा परीक्षण हेतु लघु प्रयोगशाला ‘मृदापरीक्षक’ विकसित

प्रश्न- हाल ही में पेश किए गए मृदा परीक्षण हेतु विकसित लुघ प्रयोगशाला ‘मृदापरीक्षक’ से संबंधित निम्नलिखित तथ्यों पर विचार कीजिए-
(i) इस ‘मृदापरीक्षक’ का विकास भारतीय कृषि शोध परिषद के अधीनस्थ संस्थान आइसीएआर-भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल के वैज्ञानिकों ने किया है।
(ii) यह किसानों के दरवाजे पर मिट्टी परीक्षण सेवा मुहैया कराने वाली एक डिजिटल मोबाइल मात्रात्मक मिट्टी परीक्षण किट है।
(iii) यह किट केवल मिट्टी के सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे-जस्ता (जिंक) बोरॉन, लोहा इत्यादि का निर्धारण करती है।
(iv) इसका संचालन उच्च शिक्षित व्यक्ति ही दीर्घकालिक प्रशिक्षण लेकर कर सकता है।
उपर्युक्त तथ्यों में से कौन-सा/से तथ्य सही है/हैं? नीचे दिए गए कूटों में से सही कूट चुनकर उत्तर दीजिए-
(a) केवल (i) व (ii)
(b) केवल (ii) व (iii)
(c) केवल (iii) व (iv)
(d) उपर्युक्त सभी तथ्य सही हैं।
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 18 फरवरी, 2015 को केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने भारतीय कृषि शोध परिषद (ICAR-Indian Council of Agricultural Research) की नई दिल्ली में सम्पन्न वार्षिक बैठक में मृदा परीक्षण के लिए एक लघु प्रयोगशाला (Minilab) ‘मृदापरीक्षक’ को पेश किया।
  • इस लघु प्रयोगशाला का विकास भारतीय कृषि शोध परिषद के प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन डिवीजन के अधीनस्थ शोध संस्थान आईसीएआर-भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान (ICAR-Indian Institute of Soil Science) ने किया है।
  • आईसीएआर-भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान भोपाल (म.प्र.) में स्थित है।
  • आईसीएआर की पहल, भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान (IISS) के वैज्ञानिकों के एक दल के ठोस प्रयासों और मेसर्स नागार्जुना एग्रोकेमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद के सहयोग से इस मिनीलैब का विकास संभव हो पाया है।
  • मिट्टी के सेहत की त्वरित वैज्ञानिक एवं किफायती जांच बेहद आसानी से करने के लिए ही इस मिनीलैब का विकास किया गया है।
  • इस मृदापरीक्षक की प्रमुख खूबियां निम्नवत हैं-
  • यह किसानों तक मिट्टी परीक्षण सेवा मुहैया कराने वाली एक अंकीय (डिजिटल) मोबाइल मात्रात्मक मिनीलैब/मिट्टी परीक्षण किट है।
  • यह मिट्टी के सभी महत्त्वपूर्ण पैमानों का निर्धारण करती है। मिट्टी की पीएच (pH), ईसी (EC), जैविक कार्बन, विद्यमान नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम एवं सल्फर और जस्ता, बोरॉन, लोहे जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व इन पैमानों में शामिल हैं।
  • यह एसएमएस (SMS) के जरिए विशेष फसल एवं मिट्टी के लिए उर्वरक संबंधी अनुशंषाएं सीधे किसानों के मोबाइल पर भेजती है।
  • मृदापरीक्षक को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के उपयोग के मामले में अनुकूल पाया गया है।
  • मृदापरीक्षक के साथ मिट्टी के नमूने वाले उपकरण, जीपीएस, बैलेंस, शेकर, हॉट प्लेट और एक स्मार्ट स्वॉयल प्रो (Smart Soil Pro) को भी उपलब्ध कराया जाता है, जो मिट्टी के पैमानों का निर्धारण करने के साथ-साथ उर्वरक पोषक तत्व संबंधी सिफारिशों को प्रदर्शित भी करता है।
  • अल्पकालिक प्रशिक्षण लेकर कोई भी युवा शिक्षित किसान/ग्रामीण नौजवान (11-12वीं पास) भी इसका संचालन आसानी से कर सकता है।

संबंधित लिंक भी देखे…
http://www.iiss.nic.in/MRIDAPARIKSHAK%20-%20A%20Minilab%20for%20soil%20testing%20and%20fertilizer%20advisory.pdf
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=115568

5 thoughts on “मृदा परीक्षण हेतु लघु प्रयोगशाला ‘मृदापरीक्षक’ विकसित”

  1. Sir mene AGRI CLINIC and agribusiness center moradabad se 2month ki training li jisme mene soil testing ki bhi training le rakhi hai.koi government scheme ho to mujhe batye sir.me sambhal disttic se hu.
    Mo.7248482117
    Qualifications 12th Agriculture, Bsc (Ag)

  2. माननीय सर
    मै सुखलाल ज्ञानीराम मच्छिरके मु. सोनपुरी, तह.सलेकासा, डिस्ट. गोंदिया, महाराष्ट्र से हु मुझे अल्पकालिक प्रशिक्षण के लिए क्या करना पड़ेगा, किस्से संपर्क करे
    कृपया बताये..७७९८१५२४५५

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