प्रश्न-हाल ही में किस हेतु गठित माधव चिताले समिति ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय को सौंपी?
(a) गंगा अधिनियम के प्रारूप के लिए
(b) गंगा से गाद निकालने के लिए
(c) यमुना नदी के संरक्षण के लिए
(d) नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
- 19 मई, 2017 को गंगा से गाद निकालने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने हेतु माधव चिताले समिति ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय को सौंपी।
- ज्ञातव्य है कि मंत्रालय ने जुलाई, 2016 में भीमगौड़ा (उत्तराखंड) से फरक्का (पश्चिम बंगाल) तक गंगा नदी की गाद निकालने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने हेतु इस समिति का गठन किया गया था।
- राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण (NGRBA) के विशेष सदस्य माधव चिताले को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया।
- समिति के अन्य सदस्यों में सचिव, जल संसाधान, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय, सचिव पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और केंद्रीय जल तथा विद्युत अनुसंधान स्टेशन, पुणे के निदेशक डॉ. मुकेश सिन्हा थे।
- समिति से गाद और रेत खनन के बीच अंतर करने तथा पास्थितिकी और गंगा नदी के प्रवाह के लिए गाद हटाने की आवश्यकता के बारे में बताने को कहा गया था।
- इस समिति की कुछ प्रमुख सिफारिशें हैं-
(i) गाद हटाने के कार्य के लिए वार्षिक गाद बजट से सबसे अधिक गाद हटाने की प्रक्रिया का अध्ययन करना,
(ii) पहले हटाई गई तलछट/गाद के बारे में बताते हुए वार्षिक रिपोर्ट (रेत पंजीयन) तैयार करना, और तलछट बजट बनाने का कार्य एक तकनीकी संस्थान से कराना,
(iii) आकृति और बाढ़ प्रवाह का अध्ययन करना जिसमें सबसे अधिक गाद वाले स्थान से गाद हटाने की आवश्यकता का निरीक्षण करना।
संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=161961