मराठा आरक्षण विधेयक पारित

प्रश्न-निम्नलिखित में से किस श्रेणी के अंतर्गत महाराष्ट्र में मराठों को आरक्षण देने का विधेयक पारित किया गया?
(a) एसईबीसी (सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ापन)
(b) ईईबीसी (आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ापन)
(c) ईएसबीसी (आर्थिक और सामाजिक पिछड़ापन)
(d) ईएसईबीसी (आर्थिक सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ापन)
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 18 नवंबर, 1918 को मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीश के नेतृत्व में महाराष्ट्र सरकार द्वारा मराठा आरक्षण विधेयक पारित किया गया।
  • विधेयक के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार मराठों को आरक्षण देने के लिए एसईबीसी (सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग) नामक एक नई श्रेणी बनाएगी।
  • न्यायमूर्ति एन.जी. गायकवाड़ (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा इस कदम की सिफारिश की गई थी।
  • राजनीतिक रूप से प्रभावी मराठा समुदाय राज्य की जनसंख्या 30 प्रतिशत से अधिक है।
  • आयोग के प्रतिवेदन में कहा गया है कि सरकारी और अर्द्धसरकारी सेवाओं में मराठा कमजोर प्रतिनिधित्व के साथ ‘सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग के नागरिक’ हैं।
  • सरकार द्वारा स्पष्ट किया गया है ‘असाधारण परिस्थिति’ के कारण नई श्रेणी बनाया गया है, ताकि न तो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और न ही मराठा प्रभावित हो सकें।
  • सरकार के अनुसार, असाधारण या अपवादिक कारणों से अनुच्छेद 15(4) के अंतर्गत आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक दिया जा सकता है।

[धीरेंद्र बहादुर सिंह ]

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https://economictimes.indiatimes.com/news/politics-and-nation/marathas-to-get-reservation-in-jobs-and-education-institutes-maharashtra-cm/articleshow/66682079.cms