प्रश्न-सही कथन का चुनाव कीजिए?
(A) नवंबर, 2019 में मंत्रिमंडल ने जहाजों की रिसाइक्लिंग विधेयक, 2019 पर कानून बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
(B) विधेयक के अंतर्गत जहाजों की रिसाइक्लिंग के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाए जाने के लिए कुछ वैधानिक प्रक्रियाएं और मानदंड तय किए गए हैं।
(a) केवल A
(b) केवल B
(c) A और B दोनों
(d) न तो A, न ही B
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
(A) नवंबर, 2019 में मंत्रिमंडल ने जहाजों की रिसाइक्लिंग विधेयक, 2019 पर कानून बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
(B) विधेयक के अंतर्गत जहाजों की रिसाइक्लिंग के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाए जाने के लिए कुछ वैधानिक प्रक्रियाएं और मानदंड तय किए गए हैं।
(a) केवल A
(b) केवल B
(c) A और B दोनों
(d) न तो A, न ही B
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
- नवंबर, 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रिसाइक्लिंग ऑफ शिप विधेयक, 2019 पर कानून बनाने तथा जहाजों को पर्यावरण के अनुकूल विघटित करने के लिए हांगकांग अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन, 2009 में शामिल होने की मंजूरी दी।
- विधेयक की मुख्य विशेषताएं
- विधेयक के अंतर्गत जहाजों की रिसाइक्लिंग के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाए जाने के लिए कुछ वैधानिक प्रक्रियाएं और मानदंड तय किए गए हैं।
- विधेयक में यह भी सुनिश्चित किया गया है कि जहाजों की रिसाइक्लिंग प्रक्रिया हांगकांग इंटरनेशनल कन्वेंशन, 2009 की व्यवस्थाओं के तहत पर्यावरण के लिए अनुकूल हो।
- हांगकांग इंटरनेशनल कन्वेंशन के प्रभाव में आने के साथ ही इसकी व्यवस्थाओं को रिसाइक्लिंग ऑफ शिप बिल, 2019 में समाहित कर लिया जाएगा।
- लाभ
- प्रस्तावित विधेयक ऐसी हानिकारक सामग्रियों के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करता है, जिन्हें जहाजों की रिसाइक्लिंग करने या ऐसे भी इस्तेमाल किया जाता है।
- हानिकारक सामग्रियों के इस्तेमाल पर रोक या प्रतिबंध युद्धपोतों और सरकार द्वारा संचालित गैर-व्यावसायिक जहाजों पर लागू नहीं होंगे।
- जहाजों में हानिकारक सामग्रियों के इस्तेमाल की जांच के बाद ही उन्हें प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा।
- विधेयक में इस बात को भली-भांति सुनिश्चित किया गया है कि जहाजों की रिसाइक्लिंग के लिए बनाए गए स्थान अधिकृत होने चाहिए और जहाजों की रिसाइक्लिंग केवल इन्हीं स्थानों पर होनी चाहिए।
नोट : भारत वैश्विक जहाज पुनर्चक्रमण उद्योग में अग्रणी है, जिसकी बाजार में 30 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है।
लेखक-वृषकेतु राय
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