मंगल पर जल प्रवाह का सबूत मिला

Found evidence of water flow on Tue

प्रश्न-मंगल ग्रह पर जल प्रवाह के सबूत के निष्कर्ष का अध्ययन जार्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के किस शोधार्थी के नेतृत्व में किया गया?
(a) अमलेन्दु ओझा
(b) राघवेन्द्र कुमार
(c) लुजेंद्र ओझा
(d) अमरेंद्र ओझा
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 28 सितंबर, 2015 को नासा ने बाताया कि मंगल टोही परिक्रमा यान (Mars Reconnaissance Orbiter) से प्राप्त साक्ष्यों से यह निष्कर्ष निकला है कि मंगल ग्रह पर पानी उपस्थित है।
  • मंगल टोही परिक्रमा यान द्वारा इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर का प्रयोग करके शोधकर्ताओं ने मंगल ग्रह पर जल मिश्रित खनिजों की धारायें देखी हैं।
  • यह जल मिश्रित खनिज धारायें गर्मी के दिनों में गहरी होती हैं और नीचे की ओर खड़ी ढलान में प्रवाहित होती हैं तथा सर्दी के मौसम में दिखायी नहीं देती।
  • ये धारायें गर्मी के मौसम में तब दिखायी देती हैं जब तापमान -10 degree F(-23degree C) होता है।
  • खनिज युक्त इन लवणीय जल धाराओं का प्रवाह मंगल ग्रह पर जल के बहाव की पुष्टि करता है जो कि जीवन के लिए अति आवश्यक है।
  • जार्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधार्थी लुजेंद्र ओझा के नेतृत्व में किए गए इस शोध का प्रकाशन नेचर जियोसाइंस के 28 सितंबर के अंक में किया गया है।
  • ध्यातव्य है कि मंगल टोही परिक्रमा यान नासा द्वारा 12 अगस्त, 2005 को प्रक्षेपित किया गया था जिसने 10 मार्च, 2006 को मंगल की कक्षा में प्रवेश किया।
  • नासा के इस बहुउद्देश्यीय टोहीयान की रचना मंगल के अन्वेषण एवं पूर्व परीक्षण को ध्यान में रखकर की गयी थी।

संबंधित लिंक भी देखें…
https://www.nasa.gov/press-release/nasa-confirms-evidence-that-liquid-water-flows-on-today-s-mars