भारत वन स्थिति रिपोर्ट, 2017

State of Forest Report 2017

प्रश्न-12 फरवरी, 2018 को ‘भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2017’ जारी की गई। इस रिपोर्ट के अनुसार किस राज्य के वन क्षेत्र में सर्वाधिक वृद्धि हुई है?
(a) तमिलनाडु
(b) केरल
(c) आंध्र प्रदेश
(d) मध्य प्रदेश
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 12 फरवरी, 2018 को केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ‘15वीं भारत वन स्थिति रिपोर्ट’ (India State of Forest Report: ISFR 2017) जारी की।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार वन क्षेत्र के मामले में भारत विश्व के शीर्ष दस देशों ने शामिल है।
  • भारत के भू-भाग का 24.4 प्रतिशत हिस्सा वनों और पेड़ों से घिरा है, हालांकि यह विश्व के कुल भू-भाग का केवल 2.4 प्रतिशत हिस्सा है।
  • संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, भारत को विश्व के उन 10 देशों में 8वां स्थान दिया गया है जहां वार्षिक स्तर पर वन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज हुई है।
  • ISFR-2017 के अनुसार, देश में वन और वृक्षावरण की स्थिति में वर्ष 2015 की तुलना में 8021 वर्ग किमी. की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि 1.14 प्रतिशत की है।
  • इसमें 6,778 वर्ग किमी. की वृद्धि वन क्षेत्रों में हुई है, जबकि वृक्षावरण क्षेत्र में 1,243 वर्ग किमी. की वृद्धि दर्ज की गई है।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में कुल वनावरण एवं वृक्षावरण (Forest and Tree Cover) 8,02,088 वर्ग किमी. है जो कि देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 24.39 प्रतिशत है।
  • देश में कुल वनावरण 7,08,273 वर्ग किमी. है जो कि कुल भौगोलिक क्षेत्र का 21.54 प्रतिशत है।
  • देश में सघन वन में 1.36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
  • गौरतलब है कि अत्यंत सघन वन, वातावरण से सबसे अधिक कॉर्बन डाई ऑक्साइड अवशोषित करते हैं।
  • जैव विविधता से समृद्ध कच्छ या मैंग्रोव वनों में भी 181 वर्ग किमी. की वृद्धि हुई है।
  • इसके अनुसार, देश का कुल बांस धारित क्षेत्र 15.69 मिलियन हेक्टेयर का है।
  • वर्ष 2011 की तुलना में देश के बांस धारित क्षेत्र में 1.73 मिलियन हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।
  • गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने संसद में बांस को वृक्ष की श्रेणी से बाहर करने संबंधी बिल प्रस्तुत किया है।
  • बांस के वृक्ष की श्रेणी से बाहर हो जाने पर लोग अपनी निजी भूमि में बांस उगाने के लिए प्रेरित होंगे।
  • ISFR-2015 के अनुसार, भारत में मैंग्रोव आवरण विश्व की संपूर्ण मैंग्रोव वनस्पति का लगभग 3.3 प्रतिशत है जो कि देश के 4921 किमी. क्षेत्र में फैला हुआ है जो कि देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 0.15 प्रतिशत है।
  • इसमें अति सघन मैंग्रोव 1481 वर्ग किमी. (कुल मैंग्रोव क्षेत्र का 30.10 प्रतिशत), मध्यम सघन मैंग्रोव 1480 वर्ग किमी. (कुल मैंग्रोव क्षेत्र का 30.77 प्रतिशत), जबकि ओपन मैंग्रोव 1960 वर्ग किमी. (39.83 प्रातिशत), क्षेत्र में फैले हुए हैं।
  • भारत में सर्वाधिक मैंग्रोव आच्छादित चार राज्य/संघीय क्षेत्र क्रमशः पश्चिम बंगाल (2,114 वर्ग किमी.), गुजरात (1,140 वर्ग किमी.), अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह (617 वर्ग किमी.) तथा आंध्र प्रदेश (404 वर्ग किमी.) हैं।
  • जबकि चार सर्वाधिक मैंग्रोव आच्छादित जिले क्रमशः दक्षिण 24 परगना-पश्चिम बंगाल (2084 वर्ग किमी.), कच्छ-गुजरात (798 वर्ग किमी.), उत्तरी-अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह (425 वर्ग किमी.) तथा केंद्रपाड़ा-ओड़िशा (197 वर्ग किमी.) हैं।
  • सर्वाधिक वनावरण प्रतिशतता वाले 3 राज्य/संघीय क्षेत्र क्रमशः लक्षद्वीप (90.33 प्रतिशत), मिजोरम (86.27 प्रतिशत) तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह (81.73 प्रतिशत) हैं।
  • ISFR-2017 के अनुसार, आंध्र प्रदेश में वनावरण में 2141 वर्ग किमी. की सर्वाधिक वृद्धि हुई।
  • इसके बाद कर्नाटक 1101 वर्ग किमी. और केरल 1043 वर्ग किमी. वृद्धि के साथ दूसरे व तीसरे स्थान पर रहा।
  • वनावरण वृद्धि में सर्वाधिक कमी वाले 3 राज्य/संघीय क्षेत्र क्रमशः मिजोरम (-531 वर्ग किमी.), नगालैंड (-450 वर्ग किमी.) तथा अरुणाचल प्रदेश (-190 वर्ग किमी.) है।
  • IFSR-2017 के अनुसार क्षेत्रफल की दृष्टि से सर्वाधिक वनावरण वाले 3 राज्य क्रमशः मध्य प्रदेश (77,414 वर्ग किमी.), अरुणाचल प्रदेश (66,964 वर्ग किमी.) तथा छत्तीसगढ़ (55,347 वर्ग किमी.) हैं।
  • इसके अनुसार, देश के 15 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का 33 प्रतिशत भू-भाग वनों से घिरा है।
  • इनमें से 7 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों जैसे लक्षद्वीप, मिजोरम, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, अरूणाचल प्रदेश, नगालैंड, मेघालय और मणिपुर का 75 प्रतिशत से अधिक भू-भाग वनाच्छादित है।
  • जबकि त्रिपुरा, गोवा, सिक्किम, केरल, उत्तराखंड, दादर नागर हवेली, छत्तीसगढ़ और असम का 33 से 75 प्रतिशत के बीच का भू-भाग वनों से घिरा है।
  • देश का 40 प्रतिशत वनाच्छादित क्षेत्र 10 हजार वर्ग किमी. या इससे अधिक के 9 बड़े क्षेत्रों के रूप में मौजूद है।
  • गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश का कुल वनावरण 2,40,928 वर्ग किमी. है जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 7.33 प्रतिशत है।
  • ज्ञातव्य है कि देहरादून स्थित भारतीय वन सर्वेक्षण (Forest Survey of India) द्वारा प्रत्येक दो वर्ष पर सुदूर संवेदन (Remote Sensing) आधारित उपग्रह चित्रण के माध्यम से देश में वनों एवं वृक्षों की स्थिति पर ‘भारत वन स्थिति रिपोर्ट’ जारी की जाती है।

संबंधित लिंक
http://fsi.nic.in/isfr2017/isfr-mangrove-cover-2017.pdf
http://fsi.nic.in/isfr2017/isfr-forest-cover-2017.pdf
http://fsi.nic.in/details.php?pgID=sb_64

2 thoughts on “भारत वन स्थिति रिपोर्ट, 2017”

  1. उत्तर प्रदेश के आंकड़ों में कुल वनावरण 240928 दिखाया गया है जो कि गलत है।
    कृपया त्रुटि सही करें।

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