भारत, किम्बरले प्रक्रिया प्रमाणन योजना का अध्यक्ष

प्रश्न-हाल ही में किस देश को किम्बरले प्रक्रिया प्रमाणन योजना (KPCS) की अध्यक्षता हासिल हुई है?
(a) भारत
(b) चीन
(c) दक्षिण अफ्रीका
(d) मलावी
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • बेल्जियम के ब्रुसेल्स में 12 से 16 नवंबर, 2018 तक किम्बरले प्रक्रिया प्रमाणन योजना (KPCS) की पूर्ण बैठक आयोजित की गई।
  • इस बैठक में यूरोपीय संघ के विदेश मामले और सुरक्षा नीति की प्रतिनिधि और वाइस प्रेसीडेंट फेडरीका मोघेनीनी के द्वारा भारत को KPCS की भावी अध्यक्षता सौंपी गयी।
  • अध्यक्षता 1 जनवरी, 2019 से प्रभावी होगी।
  • ध्यातव्य है कि भारत केपीसीएस (KPCS) का संस्थापक सदस्य है और यह किम्बरले प्रक्रिया से जुड़ी गतिविधियों में सक्रियता से हिस्सा ले रहा है।
  • इस संस्था का अगला अंतर-सत्रीय अधिवेशन भारत की अध्यक्षता में आयोजित होगा।
  • जबकि वर्ष 2019-20 की अवधि में बोत्सवाना और रूसी संघ इसके उपाध्यक्ष होंगे।
  • किम्बरले प्रक्रिया
  • किम्बरले प्रक्रिया सरकार, अंतरराष्ट्रीय हीरा उद्योग और सिविल सोसाइटी की एक संयुक्त पहल है, जो कि ‘कॉन्फ्लिक्ट डायमंड (Conflict Diamonds) के प्रवाह को रोकने का कार्य करती है।
  • ‘कॉन्फ्लिक्ट डायमंड’ से आशय विद्रोही आंदोलनों या उनके सहयोगियों द्वारा सरकारों के विरुद्ध युद्ध के वित्तपोषण हेतु उपयोग किए जाने वाले अपरिष्कृत (Rough) हीरे से है।
  • KPCS का लक्ष्य विश्व के लगभग 99 प्रतिशत हीरा व्यापार को विवादरहित रखना है।
  • उल्लेखनीय है कि नवंबर, 2016 में दुबई में आयोजित किम्बरले (Kimberley) प्रक्रिया के विगत पूर्ण सत्र में ही भारत को किम्बरले प्रक्रिया के सत्र 2018 के लिए उपाध्यक्ष और सत्र 2019 के लिए अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
  • किम्बरले प्रक्रिया के वर्तमान (2018) पूर्ण सत्र की अध्यक्षता यूरोपीय संघ के पास है।
  • किम्बरले प्रक्रिया प्रमाणन योजना (KPCS) 1 जनवरी, 2003 से प्रभावी हुई थी।
  • भारत पूर्व में भी (वर्ष 2008 के लिए) किम्बरले प्रक्रिया प्रमाणन योजना (KPCS) का अध्यक्ष रह चुका है।

लेखक-पंकज पाण्डेय