प्रश्न-12 सितंबर, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहिबगंज, झारखंड में गंगा नदी पर नवनिर्मित भारत के दूसरे मल्टी मॉडल टर्मिनल को राष्ट्र को समर्पित किया। इस टर्मिनल के संबंध में विकल्प में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) प्रधानमंत्री मोदी ने इस मल्टी-मॉडल टर्मिनल की आधारशिला अप्रैल, 2017 में रखी गई थी।
(b) इसकी निर्माण लागत राशि 290 करोड़ रुपये है।
(c) इस टर्मिनल की वार्षिक क्षमता 40 लाख टन है।
(d) यह टर्मिनल जलमार्ग विकास परियोजना के तहत निर्मित किया गया है।
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
(a) प्रधानमंत्री मोदी ने इस मल्टी-मॉडल टर्मिनल की आधारशिला अप्रैल, 2017 में रखी गई थी।
(b) इसकी निर्माण लागत राशि 290 करोड़ रुपये है।
(c) इस टर्मिनल की वार्षिक क्षमता 40 लाख टन है।
(d) यह टर्मिनल जलमार्ग विकास परियोजना के तहत निर्मित किया गया है।
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
- 12 सितंबर, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहिबगंज, झारखंड में गंगा नदी पर निर्मित भारत के दूसरे मल्टी-मॉडल टर्मिनल को राष्ट्र को समर्पित किया।
- इस मल्टी-मॉडल टर्मिनल की आधारशिला अप्रैल, 2017 में रखी गई थी।
- इसकी निर्माण लागत राशि 290 करोड़ रुपये है।
- यह टर्मिनल जलमार्ग विकास परियोजना के तहत गंगा नदी पर निर्मित किए जा रहे तीन मल्टी-मॉडल टर्मिनलों में दूसरा है।
- ज्ञातव्य है कि प्रधानमंत्री ने इससे पूर्व नवंबर, 2018 में वाराणसी में मल्टी-मॉडल टर्मिनल (MMT) का उद्घाटन किया था।
- साहिबगंज में निर्मित यह मल्टी-मॉडल टर्मिनल झारखंड एवं बिहार के उद्योगों को वैश्विक बाजार के लिए खोलेगा साथ ही जलमार्ग के माध्यम से भारत-नेपाल कार्गो को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
- इस टर्मिनल के माध्यम से कोयला, स्टोन चिप्स, उर्वरक, सीमेंट और चीनी की ढुलाई किए जाने की उम्मीद है।
- नए मल्टी-मॉडल टर्मिनल के माध्यम से साहिबगंज में सड़क रेल-नदी परिवहन के संयोजन से भीतरी इलाकों का यह हिस्सा कोलकाता एवं हल्दिया और बंगाल की खाड़ी से जुड़ जाएगा।
- इसके अलावा यह टर्मिनल साहिबगंज नदी-समुद्र मार्ग से बांग्लादेश होते हुए पूर्वोत्तर राज्यों से भी जुड़ेगा।
- इस टर्मिनल की वार्षिक क्षमता 30 लाख टन है।
- दूसरे चरण में इस टर्मिनल के विस्तार हेतु सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत 376 करोड़ रुपये की राशि का निवेश होगा।
- विस्तार के बाद इस टर्मिनल की क्षमता बढ़कर वार्षिक 54.8 टन हो जाएगी।
- ज्ञातव्य है कि मल्टी-मॉडल टर्मिनलों का निर्माण जलमार्ग विकास परियोजना के तहत 1500-2000 टन तक के वजन के बड़े जहाजों के नौवहन हेतु वाराणसी और हल्दिया के बीच गंगा नदी के फैलाव को विकसित करने के उदृदेश्य से किया जा रहा है।
लेखक-विजय प्रताप सिंह
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