भारत-अमेरिका एक्सचेंज ऑफ रिपोर्ट्स समझौता

Signing of Inter-Governmental Agreement for exchange of country by country reports between India and the United States of America

प्रश्न-हाल ही में भारत और अमेरिका ने ‘एक्सचेंज ऑफ कंट्री-बाई- कंट्री रिपोर्ट्स’ समझौते पर हस्ताक्षर किया, जो संबंधित है-
(a) MNCs की कर चोरी पर अंकुश लगाने से
(b) केवल नवरत्न कंपनियों के कर चोरी पर अंकुश लगाने से
(c) केवल महारत्न कंपनियों के कर चोरी पर अंकुश लगाने से
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 27 मार्च, 2019 को भारत और अमेरिका के द्वारा ‘एक्सचेंज ऑफ कंट्री -बाई-कंट्री रिपोर्ट्स’ समझौता हस्ताक्षरित किया गया।
  • यह समझौता बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNCs) की कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए रिपोर्ट के आदान-प्रदान से संबंधित है।
  • द्विपक्षीय सक्षम प्राधिकरण व्यवस्था के साथ उक्त समझौते से दोनों देश बहुराष्ट्रीय कंपनियों की मूल इकाइयों द्वारा संबंधित क्षेत्रों में जमा की गई देश-दर-देश (CbC) रिपोर्ट का स्वतः आदान-प्रदान कर सकेंगे।
  • यह 1 जनवरी, 2016 या उसके बाद के वर्ष से जुड़ी रिपोर्ट पर लागू होगा।
  • यह व्यवस्था अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भारतीय सहायक कंपनियों को CbC रिपोर्ट की स्थानीय फाइलिंग करने की आवश्यकता को भी पूरा करेगा, जिससे अनुपालन बोझ कम होगा।
  • घ्यातव्य है कि भारत CbC रिपोर्ट के आदान-प्रदान को लेकर पहले ही बहुपक्षीय योग्य प्राधिकरण समझौते (MCAA) पर हस्ताक्षर कर चुका है।
  • जिससे 62 क्षेत्रों (Jurisdictions) के साथ रिपोर्ट का आदान-प्रदान हो सकेगा।
  • CbC रिपोर्ट में किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी की देश-दर-देश सूचना होती है।
  • इसमें बहुराष्ट्रीय कंपनियों की आय के वैश्विक आवंटन, कर भुगतान तथा कुछ अन्य संकेतकों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।
  • इसमें समूह की सभी कंपनियों की सूची होती है, जो क्षेत्र विशेष में परिचालन करती हैं और इन सभी इकाइयों की मुख्य व्यापार गतिविधियों की प्रवृत्ति का भी जिक्र होता है।

लेखक-पंकज पांडेय

संबंधित लिंक भी देखें…

http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=189570