ब्लैक गोल्ड विकसित

black gold
प्रश्न-हाल ही में मुंबई स्थित ‘टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान’ (TIFR) के वैज्ञानिकों ने स्वर्ण नैनोकणों के प्रकाश द्वारा एक नया पदार्थ विकसित किया है, जो प्रकाश एवं कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने के अद्वितीय गुणों से लैस है। इस पदार्थ को क्या नाम दिया गया है?
(a) व्हाइट गोल्ड
(b) रेड गोल्ड
(c) ब्लैक गोल्ड
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
  • रॉयल सोसायटी ऑफ केमिस्ट्री द्वारा प्रकाशित एक वैज्ञानिक जर्नल ‘केमिल साइंस’ (Chemical Science) द्वारा 3 जुलाई, 2019 को जारी एक शोध-पत्र के अनुसार मुंबई स्थित ‘टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान’ के वैज्ञानिकों ने नैनोप्रौद्योगिकी, की तकनीकों का प्रयोग कर ‘सुनहरे स्वर्ण’ (Golden Gold) को ब्लैक गोल्ड (Black Gold) में रूपांतरित करने में सफलता प्राप्त की है।
  • अनुसंधानकर्ताओं ने स्वर्ण नैनोकणों (Gold Nanoparticles) के आकार एवं उनके मध्य अंतराल (Gaps) को परिवर्तित किया जिससे वह पदार्थ सूर्य के प्रकाश के समस्त दृश्य (Visible) एवं निकट-अवरक्त (Near infrared) क्षेत्र को अवशोषित कर ब्लैक गोल्ड में परिवर्तित हो गया।
  • काले रंग का होने के कारण इस स्वर्ण को ब्लैक गोल्ड नाम दिया गया है।
  • सौर ऊर्जा के अतिरिक्त ब्लैक गोल्ड कार्बन डाइऑक्साइड को भी अवशोषित कर सकता है।
  • कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) को अवशोषित कर यह उसे मीथेन (ईंधन) में परिवर्तित करने में सक्षम है।
  • स्पष्ट हैं कि जिस प्रकार प्राकृतिक वृक्ष CO2 सूर्य के प्रकाश तथा जल के उपयोग द्वारा खाद्य का उत्पादन करते हैं, उसी प्रकार ब्लैक गोल्ड कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण (Artificial Photosynthesis) की क्रिया संपादित करने में सक्षम है और कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर उसे ईंधन एवं अन्य उपयोगी रसायनों में परिवर्तित कर देता है।
  • उल्लेखनीय है कि, सामान्यतः स्वर्ण में प्रकाश एवं CO2 अवशोषण के गुण नहीं होते हैं।
  • अन्य प्रयोगों से यह भी प्रदर्शित हुआ है कि ब्लैक गोल्ड के प्रयोग द्वारा समुद्री जल को पेय जल में परिवर्तित किया जा सकता है।

संबंधित लिंक भी देखें…

https://www.thehindubusinessline.com/news/science/indian-scientists-develop-wonder-material-black-gold/article28320764.ece