पॉवर ऑफ साइबेरिया

Russia-China gas pipeline
प्रश्न-हाल ही में चर्चा में रहा ‘पॉवर ऑफ साइबेरिया’ क्या है?
(a) उत्तर कोरिया एवं रूस के मध्य एक सैन्य अभ्यास
(b) रूस और चीन के बीच पहली सीमा पार गैस पाइपलाइन
(c) रूस और भारत के बीच पहली सीमा पार गैस पाइपलाइन
(d) रूस एवं अमेरिका के मध्य एक सैन्य अभ्यास
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
  • 2 दिसंबर, 2019 को रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन एवं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दोनों देशों के बीच पहली सीमा पार गैस पाइपलाइन ‘पॉवर ऑफ साइबेरिया’ (Power of Siberia) का उद्घाटन किया।
  • इस पाइपलाइन के जरिए साइबेरिया से उत्तर-पूर्व चीन में प्राकृतिक गैस की सप्लाई की जाएगी।
  • इससे मास्को और बीजिंग के बीच आर्थिक और राजनीतिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।
  • ‘पॉवर ऑफ साइबेरिया’ गैस पाइपलाइन की लंबाई लगभग 8100 किलोमीटर  है।
  • रूस अगले 30 वर्षों में चीन को लगभग 1 ट्रिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस प्रदान करेगा।
  • इसके लिए राज्य की स्वामित्व वाली चीन नेशनल पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (CNPC) और रूसी गैस कंपनी गजप्रोम के मध्य वर्ष 2014 में 30 वर्ष का अनुबंध हुआ था।
  • इसके तहत रूस वर्ष 2024 तक सालाना 38 बिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस चीन को पहुंचाएगा।

लेखक-विवेक कुमार त्रिपाठी

संबंधित लिंक भी देखें…

https://www.cnn.com/2019/12/03/asia/china-russia-gas-pipeline-intl-hnk/index.html

https://www.getaway.co.za/travel-news/china-and-russia-connected-by-a-new-bridge/